34 सालों में यहां नहीं हो पाई मैकेनिकाें की भर्ती, निजी बस चालक कूट रहे चांदी

Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Jul, 2017 01:00 PM

recruitment of mechanics not found here in 34 years

गोहाना बस स्टैंड पर हरियाणा रोड़वेज की बसों की संख्या के साथ-साथ उनका रखरखाव करने वालों की संख्या भी आधी रह गई है जिस के चलते गोहाना आई.टी.आई. के अप्रेंटिस के सहारे रोडवेज की वर्कशॉप चल रही है।

गोहाना (सुनील जिंदल):गोहाना बस स्टैंड पर हरियाणा रोड़वेज की बसों की संख्या के साथ-साथ उनका रखरखाव करने वालों की संख्या भी आधी रह गई है जिस के चलते गोहाना आई.टी.आई. के अप्रेंटिस के सहारे रोडवेज की वर्कशॉप चल रही है। वर्कशॉप मैकेनिकों की पिछले 34 साल में कोई भरती नहीं हुुई है जिस कारण उनकी संख्या घटकर आधी रह गई हैं जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। गोहाना सब डिपो में बसों की संख्या भी जरूरत का एक तिहाई बसें ही उपलब्ध हैं जिससे निजी बस चालकों व मैक्सी कैब वालों की बल्ले-बल्ले हो रही है। 
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परिवहन विभाग को हो रहा भारी नुकसान
गोहाना सब डिपो में पिछले कई सालों से कुल 65 बसें हैं जिनमें से कई बसे काफी पुरानी हो चुकी हैं जिस के चलते 12 से 15 बसें हर समय खराब रहती हैं। इन पुरानी बसों की मरम्मत करने के लिए वर्कशॉप में स्वीकृत 69 पदों के बदले मैकेनिक केवल 25 ही रह गए हैं, जिसके कारण बसों की मरम्मत नहीं हो पाती है। ऐसेे में परिवहन विभाग यात्रियाें को बेहतर परिवहन सेवा नहीं दे पा रहा है।
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फिलहाल बसों को ठीक करने के लिए विभाग द्वारा आई.टी.आई. में विभिन्न ट्रेडों में कोर्स करने वाले अप्रेंटिसों का सहारा लिया जा रहा है। इससे जहां परिवहन विभाग को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं यात्रियाें को अपने गंतव्य स्थल तक जाने के लिए निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। अप्रेंटिस महावीर ने बताया कि सरकार उनका शोषण कर रही है। पहले ठेका आधार पर मैकेनिक रखे जाते थे, लेकिन सरकार ने उन्हें भी हटा दिया। 
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निजी बस चालकों की हो रही चांदी
रोडवेज बेड़े में बसों व खराब बसों को ठीक करने वालों की कमी का निजी बस चालक व अवैध रूप से सवारियां ढ़ोने वाले निजी वाहन मालिकों की चांदी हो रही है। बसों की कमी के कारण यात्री मजबूर होकर निजी वाहनों का सहारा ले रहे हैं। हालांकि कई बार उन्हें परेशानी का भी सामना करना पड़ता है। इससे परिवहन विभाग को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। निजी वाहन चालक अड्‌डे के बाहर से ही सवारियां भरकर ले जाते हैं। 

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