Edited By Updated: 12 May, 2017 01:16 PM
जाट आंदोलन के दौरान हिंसा में मारे गए निर्दोष लोगों के आश्रितों को हरियाणा सरकार एक महीने में पक्की नौकरी दे देगी।
चंडीगढ़:जाट आंदोलन के दौरान हिंसा में मारे गए निर्दोष लोगों के आश्रितों को हरियाणा सरकार एक महीने में पक्की नौकरी दे देगी। 31 मृतकों के आश्रितों में से तीस ने नौकरी के लिए सरकार के पास आवेदन किया है। बता दें, अभी तक सरकार 2 आश्रितों को नौकरी दे चुकी है। एक को मुरथल यूनिवर्सिटी और दूसरे को फतेहाबाद नगर पालिका में ज्वाइन कराया गया है। फतेहाबाद में मृतक की आश्रित पत्नी को नौकरी दी गई है। उसने सरकार से आग्रह किया था कि उसके बच्चे छोटे हैं इसलिए उसे मायके के पास ही नौकरी दी जाए।
हरियाणा निवास में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण बेदी की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय समिति की बैठक हुई। बेदी के साथ जाट समुदाय के प्रतिनिधि एडवोकेट एस.एस. खरब, सरकार की ओर से आई.जी. नवदीप सिंह विर्क और एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता शामिल हुए। बेदी ने बताया कि उनकी अध्यक्षता में चौथी बैठक हुई है। हर बैठक में आश्रितों को नौकरी और घायलों को मुआवजा देने की समीक्षा कर प्रगति रिपोर्ट सरकार को सौंप रहे हैं। सरकार ने नौकरी देने के लिए होमवर्क पूरा कर लिया है। अब नियुक्तियां देने का सिलसिला शुरू होगा। बीते वर्ष आंदोलन में 31 लोगों की जान गई थी। उनमें से तीस ने ही नौकरी मांगी है। 30 मई से पहले हर हाल में सभी को सरकारी विभागों में ज्वाइनिंग करा दी जाएगी।
1 जून को होगी अगली बैठक
बेदी समिति की अगली बैठक पहली जून को हरियाणा निवास में होगी। इसमें मृतकों के आश्रितों को नौकरी देने की समीक्षा की जाएगी। साथ ही यह भी जांचा जाएगा कि कोई घायल मुआवजा पाने से वंचित तो नहीं रह गया है। कृष्ण बेदी ने बताया कि सरकार ने आवेदन करने वाले सभी घायलों को मुआवजा दे दिया है। अब तक कोई रह गया है तो आवेदन कर सकता है, उस पर भी गंभीरता से विचार किया जाएगा। सरकार के पास पर्याप्त बजट मुआवजा वितरण के लिए है।