Edited By Updated: 11 Jul, 2016 02:38 PM
थेहड़ की विवादित जमीन को लेकर राजनीतिक दलों की रस्साकशी जारी है। अब सरकार की तरफ से थेहड़ की समस्या को लेकर गंभीर होने की
सिरसा (सतनाम सिंह): थेहड़ की विवादित जमीन को लेकर राजनीतिक दलों की रस्साकशी जारी है। अब सरकार की तरफ से थेहड़ की समस्या को लेकर गंभीर होने की बात कही जा रही है। राजनीतिक सलाहकार जगदीश चोपड़ा ने मीडिया से इस विषय पर बातचीत की है।
सिरसा के थेहड़ मोहल्ले में लगभग 20 हजार लोग बसे हुए हैं, पुरातत्व विभाग इस जगह को अपने अधिकार में होने की बात करता है। जिसके चलते इस जमीन का मामला कोर्ट में भी विचारधीन है। इस मसले पर हर राजनीतिक पार्टियां भी थेहड़वासियों को अपना हितैषी होने की बात कर रही है। अब सरकार ने इस मसले में अपनी गंभीरता दिखाई है और कहा है कि इस मसले में सरकार अब इन लोगों की पैरवी करेगी।
मीडिया से रूबरू होते हुए सी.एम. के राजनीतिक सलाहकार जगदीश चोपड़ा ने कहा कि सरकार ने इस मसले को गंभीरता से लेते हुए एक जांच कमेटी का गठन किया था, जिसमें पुरातत्व विभाग के अधिकारी भी थे। इस जांच में पाया गया है कि थेहड़ पर 90 प्रतिशत इलाका बसा हुआ है, जहां पर लोग रह रहे हैं।
चोपड़ा ने कहा कि कई वर्षों से पुरानी थेहड़ समस्या लटकी हुई थी। लगभग 85 वर्ष पूर्व एक नोटिफिकेशन हुआ था, जिसके तहत सिरसा के थेहड़ को पुरातत्व विभाग की ओर से संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया।
सरकार थेहड़ को सरंक्षित करने के लिए नोटिफिकेशन को डी नोटिफाई करवा रही है। डी नोटिफिकेशन होने के बाद इसकी रिपोर्ट सरकार कोर्ट में पेश करेगी, जिसके बाद उम्मीद है कि यहां की जनता को कोर्ट राहत देगी। वहीं, चोपड़ा ने कहा जो नेता अपने आप को थेहड़वासी होने का दावा करते है, ऐसे नेताओं ने ही थेहड़वासियो के साथ विश्वासघात किया है।