अमन सहरावत का फिटले दांव जिसका कोई तोड़ नहीं, पहलवान योगेश्वर दत्त ने किया था ईजाद

Edited By Saurabh Pal, Updated: 08 Aug, 2024 06:07 PM

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अमन सहरावत ने पेरिस ओलंपिक में हरियाणवी लट्ठ गाड़ दिया है। उनके फिटले दांव का प्रतिद्वंदी पहलवानों के पास कोई तोड़ नहीं था। जिसके कारण दोनों कुश्ती के मुकाबलों में अमन सहरावत ने टेक्निकल सूपेरियारिटी से जीत दर्ज की।

हरियाणा डेस्कः अमन सहरावत ने पेरिस ओलंपिक में हरियाणवी लट्ठ गाड़ दिया है। उनके फिटले दांव का प्रतिद्वंदी पहलवानों के पास कोई तोड़ नहीं था। जिसके कारण दोनों कुश्ती के मुकाबलों में अमन सहरावत ने टेक्निकल सूपेरियारिटी से जीत दर्ज की। झज्जर का छोरा अब कुश्ती के 57 किलोग्राम भार वर्ग में सेमीफाइनल का मुकाबला आज रात 9 बजे जापान के रेसलर से खेलेगा। 

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गौरतलब है कि जिस फिटले दांव से अमन सहरावत को सफलता मिली है। इस दांव को योगेश्वर दत्त ने ईजाद किया था। कुश्ती की दुनिया फिटले के दांव को योगेश्वर दत्त के नाम से जाना जाता है, जैसे क्रिकेट की दुनिया में हेलिकॉप्टर शॉट को महेंद्र सिंह धोनी के नाम से जाना जाता है। योगेश्वर दत्त 2012 में लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुके हैं। इसके अलावा एशियाई व कॉमनवेल्थ गेम्स में इन्होंने गोल्ड सहित अन्य पदक जीते हैं। 

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"दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम के छात्रावास में अमन सेहरावत के बिस्तर के ऊपर एक हस्तलिखित शिलालेख है - "यदि यह आसान होता, तो हर कोई इसे करता।"

झज्जर निवासी अमन सहरावत के माता पिता का निधन उनके बचपन में ही हो गया था। अमन के पिता का सपना था कि बेटा रेसलिंग में मेडल जीते। हालांकि पिता ने अमन साथ छोड़ दिया, लेकिन अमन के कंधों पर पिता के सपनों का बोझ था। जिसके कारण उन्होंने कुश्ती जारी रखी और अब उस सपने को पूरा करने के करीब हैं। मात्र एक जीत से उनके स्वर्गीय पिता का सपना पूरा हो जाएगा। 

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बता दें कि अमन के माता-पिता के निधन के बाद उन्हें उनकी मौसी ने पाला पोषा है। अमन को पेरिस ओलंपिक में इस मुकाम पर देख कर उनकी मौसी की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि मैं भरोसे के साथ कहती हूं कि अमन गोल्ड जीतेगा। उन्होंने कहा कि 'अमन ने कहा था पिता का सपना जरूर पूरा करूंगा।'  

अमन सहरावत ने 2021 में अपना पहला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप खिताब जीता था। वह कोच ललित कुमार के अधीन प्रशिक्षण लेते थे। जनवरी 2024 में, उन्होंने ज़ाग्रेब ओपन कुश्ती टूर्नामेंट में पुरुषों की 57 किग्रा स्पर्धा में चीन के ज़ू वानहाओ को फ़ाइनल में 10-0 के परफेक्ट स्कोर से हराकर स्वर्ण पदक जीता था। 

छत्रसाल स्टेडियम से अमन सहित निकले 5 कुश्ती के बड़े नाम

जिस कुश्ती की नर्सरी छत्रसाल स्टेडियम में कुश्ती के गुर अमन सहरावत ने सीखे हैं, उस नर्सरी से चार ओलंपियन पहलवान निकलें है। जिसमें सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, बजरंग पुनिया और रवि दहिया का नाम शामिल है। अब इस कड़ी में 5वां नाम अमन सहरावत के रूप में जुड़ चुका है। हालांकि अभी अमन सहरावत ने ओलंपिक में पदक नहीं जीता है। लेकिन उम्मीद है के अमन छत्रसाल स्टेडियम के पांचवे सूरमा होंगे जो पेरिस में भारत का झंडा गांड़ेंगे।

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अमन ने अपने गुरु को हराया 

अमन रवि दहिया को अपने गुरु के रूप में मानता थे। इसके कई कारणों में से एक कारण यह था कि अमन की तरह रवि भी बचपन में छत्रसाल स्टेडिय में कुश्ती के गुर सीखने के लिए आए थे। यहां अमन ने रवि जैसा बनने के लिए हर मुमकिन कोशिश की। अमन हमेशा रवि को ध्यान से प्रशिक्षण लेते हुए देखते थे, उसकी गहरी निगाहें कुश्ती के मैदान में रवि का पीछा करती थीं, यह देखने के लिए उत्सुक रहती थीं कि वह क्या कर रहे हैं। जिससे रवि इतना सफल हो रहे हैं। अगर उसे रवि की कोई ऐसी चीज़ दिखती जो उसे पसंद आती तो वह उसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने की कोशिश करता था। उसने रवि की तरह प्रशिक्षण लेने और खाने की कोशिश की, वह रवि जैसा बनना चाहता था। 

लेकिन एक दिन (2022 कॉमनवेल्थ गेम्स का ट्रायल) अमन के सामने जल्द ही आ गया, जब कुश्ती के मैट पर उसके सामने उसके गुरु रवि दहिया खड़े थे। लेकिन इस मुकाबले में अमन रवि से 0-10 से हार गया। यहीं अमन की सोचने तरीके में बदलाव आ गया। अब अमन गुरु के रूप में नहीं बल्कि रवि को एक प्रतिद्वदी के रूप में देखने लगा। जल्द भी वह दिन आ गया, जब अमन ने अपने गुरु रवि दहिया को हरा दिया। 

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