Edited By Isha, Updated: 29 Mar, 2020 01:39 PM
लॉकडाऊन का असर इतना है कि एक्यू.ई.आई.(एयर क्वालिटी इंडैक्स) पूरी तरह बदल गया है। शहर में वायु प्रदूषण में भारी कमी आई है। साथ ही ध्वनि...
कैथल (महीपाल) : लॉकडाऊन का असर इतना है कि एक्यू.ई.आई.(एयर क्वालिटी इंडैक्स) पूरी तरह बदल गया है। शहर में वायु प्रदूषण में भारी कमी आई है। साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी कम हुआ है। वाहन न चलने व उद्योग बंद रहने से प्रदूषण का ग्राफ गिरा है। वाहनों के न चलने से वायु प्रदूषण के साथ-साथ हॉर्न न बजने से ध्वनि प्रदूषण का स्तर भी 3 गुणा कम रहा। पिछले दिनों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो प्रदूषण के स्तर में काफी गिरावट आई है। एक और राहत वाली बात देखने को मिली वो थी वातावरण में न ही धुआं था और न ही कहीं धूल।
कानफाडू ध्वनि प्रदूषण से भी काफी हद तक राहत रही। आसमान नीला नजर आ रहा है । बाजार में हजारों वाहनों के न चलने से तथा हॉर्न से होने वाले शोर से भी लोगों को राहत मिली। वाहनों के न चलने से निकलने वाले धुएं से भी वातावरण साफ सुथरा रहा तथा हजारों लीटर डीजल पैट्रोल की भी बचत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए 21 दिन के लिए संपूर्ण लॉकडाऊन का आह्वान किया था। इस कारण सभी दुकानें व प्रतिष्ठान बंद हैं।
सड़कों पर वाहन नहीं दौड़े रहे और इस कारण प्रदूषण का स्तर कम हो रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 6 वर्गों में रखा जाता है और एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यू.आई.) को शून्य से 500 तक रखा जाता है। एक्यू.आई. अगर शून्य से 50 के बीच हो तो स्वास्थ्य के लिए नुक्सानदायक नहीं होता है। 51 से 100 तक संतोषजनक श्रेणी में रखा जाता है। 101 से 200 तक सामान्य प्रदूषण होता है।
201 से 300 तक खराब, 301 से 400 तक अति खराब व 401 से 500 तक गंभीर श्रेणी का प्रदूषण माना जाता है। प्रदूषण का स्तर 50 (पी.एम. 2.5) से भी नीचे पहुंच गया है। लॉकडाऊन के दौरान वाहनों पर पाबंदी के साथ ही शुक्रवार को हुई बूंदाबांदी ने भी प्रदूषण को धो डाला। इस बूंदाबांदी पहले भी लॉकडाऊन के चलते हवा साफ होनी शुरू हो गई थी। इसके बाद से प्रदूषण के स्तर में लगातार गिरावट जारी है।