चिंताजनक: पंजाब के बाद अब नशे में ‘उड़ता हरियाणा’

Edited By Shivam, Updated: 27 Mar, 2019 12:22 PM

worrying now after punjab in udta haryana

सिरसा संसदीय क्षेत्र में चुनावी फसल काटने को हर सियासी दल तैयार है। पंजाब व राजस्थान से सटे सिरसा में नशा नौजवानी को उजाड़ रहा है। यह पूरा इलाका नशे की शुष्क मंडी बन गया है। दशकों पहले चूरा-पोस्त, अफीम के नशे की तस्करी ने यहां पांव पसारे। अब नशीली...

सिरसा (स.ह.): सिरसा संसदीय क्षेत्र में चुनावी फसल काटने को हर सियासी दल तैयार है। पंजाब व राजस्थान से सटे सिरसा में नशा नौजवानी को उजाड़ रहा है। यह पूरा इलाका नशे की शुष्क मंडी बन गया है। दशकों पहले चूरा-पोस्त, अफीम के नशे की तस्करी ने यहां पांव पसारे। अब नशीली गोलियों, पंक्चर में इस्तेमाल होने वाला सॉल्यूशन, स्मैक, हैरोइन एवं चरस जैसा नशा जड़ें जमा चुका है। अब म्याऊं-म्याऊं व चार्ली जैसा नशा आ गया है।

पिछले कुछ समय में ही नशे के चलते आधा दर्जन नौजवानों की मौतें हो गई हैं। नशे के चलते नौजवानों की शादियां नहीं हो रही हैं। जो शादीशुदा हैं, उनके वैवाहिक बंधन टूट रहे हैं। जमीनें बिक रही हैं। पर हैरानी की बात देखिए कि नशा राजनेताओं के लिए मुद्दा नहीं है। सिरसा संसदीय क्षेत्र में आने वाले कालांवाली, डबवाली से लेकर फतेहाबाद व रतिया सरीखे इलाके नशे की दलदल में धंस चुके हैं। रोचक पहलू यह है कि तमाम सियासी दल एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। एक-दूजे पर छींटाकशी का दौर जारी है, पर नशे पर नकेल कैसे लगे? इसको लेकर राजनेताओं के पास न तो कोई एजैंडा है और न ही कोई विजन। खास बात यह है कथित सियासी संरक्षण के चलते ही पंजाब के साथ सटा यह इलाका नशे की शुष्क मंडी बन गया है।

यही आलम इस संसदीय क्षेत्र में आने वाले फतेहाबाद जिले में भी है। नशे को लेकर डबवाली इलाके में कुछ अर्सा पहले लोक लहर नाम की मुहिम चलाने वाले अधिवक्ता एवं बार एसोसिएशन सिरसा के पूर्व प्रधान गुररत्तन पाल कहते हैं कि बड़े मगरमच्छों तक पुलिस के हाथ नहीं जा रहे हैं। वे कहते हैं कि पुलिस तंत्र की नाकामी व राजनीतिक संरक्षण इसमें बड़ा गतिरोध है। वे हैरानी जताते हैं कि नशा यहां हर घर को प्रभावित कर रहा है, पर 17.63 लाख मतदाताओं वाले सिरसा संसदीय क्षेत्र में राजनेता एक-दूसरे पर व्यक्तिगत आरोप तो लगा रहे हैं, लेकिन नशे में धंस चुकी नौजवानी का इलाज करा उन्हें मुख्य धारा में कैसे लाया जाए, नशा तस्करी पर कैसे अंकुश लगाया जाए, पर कोई राजनेता चर्चा नहीं कर रहा है।

वहीं डबवाली की विधायक नैना चौटाला का कहना है कि बेरोजगारी भी नशे की तरफ धकेलती है। भाजपा नेत्री सुनीता दुग्गल का मानना है कि नशा निश्चित रूप से इस इलाके में व्यापक पैमाने पर फैल चुका है। वह कहती हैं कि इसके लिए एक सकारात्मक पहल की जरूरत है।

हर साल 100 मौतें
नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट की मानें तो हर साल हरियाणा व पंजाब में 100 से अधिक मौतें हो रही हैं। पर हैरानी देखिए कि नशे से होने वाली मौतों में से 90 फीसदी केस पुलिस के पास जाते ही नहीं है। बिना पोस्टमार्टम करवाकर ही संस्कार कर दिया जाता है। पुलिस का कहना है कि अब नशे का चलन पहले से खतरनाक हो गया है। अब म्याऊं-म्याऊं एवं हैरोइन जैसे नशे आ गए हैं। वहीं सिरसा के मनोचिकित्सक डा. अमित नारंग कहते हैं कि इस क्षेत्र में युवा नशे में संलिप्त हैं। मैडीकल नशे से लेकर अनेक प्रकार के खतरनाक नशों का चलन बढ़ गया है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!