पंजाब के CM काे विज ने दी नसीहत, बाेले- अपने आपसी झगड़ों को छोड़कर मजदूरों की ओर ध्यान दें

Edited By vinod kumar, Updated: 14 May, 2020 08:36 PM

हरियाणा के गृहमंत्री अनिज विज ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह काे नसीहत देते हुए कहा कि वह अपने आपसी झगड़ों को छोड़कर मजदूरों की ओर ध्यान दें। उन्हाेंने कहा कि पंजाब अपने श्रमिकों को संभाले, उनको भेजने की व्यवस्था करे। पंजाब के प्रवासी...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के गृहमंत्री अनिज विज ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह काे नसीहत देते हुए कहा कि वह अपने आपसी झगड़ों को छोड़कर मजदूरों की ओर ध्यान दें। उन्हाेंने कहा कि पंजाब अपने श्रमिकों को संभाले, उनको भेजने की व्यवस्था करे। पंजाब के प्रवासी श्रमिक हरियाणा में आ रहें हैं,  सरकार का नैतिक दायित्व है कि उनके जाने का प्रबंध करे, जैसे हरियाणा ने किया है।

एक सवाल पर विज ने कहा पंजाब से आ रहे श्रमिकों के मुद्दे पर हरियाणा के डीजीपी ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक से भी बात की है। विज का कहना है कि सरकार की ओर से अपने घर लौटने के इच्छुक श्रमिकों के लिए पूरे प्रबंध किए हुए हैं।

उन्हाेंने कहा कि सरकार एक ही दिन में सभी मजदूरों को भेजने के लिए तैयार है। विज ने कहा गृह मंत्रालय ने साफ कहा है कि मजदूरों को तभी भेजा जाएगा जब दोनों राज्य इसके लिए राजी होंगे। मतलब जिस प्रदेश से मजदूर अपने राज्य में जा रहे हैं और जिस प्रदेश में लौटना चाहते हैं।

विज ने कहा कि जब तक सामने वाले राज्य की एनओसी नहीं मिल जाती, कोई भी प्रदेश मजदूरों को अपने यहां से नहीं भेज सकता। एनओसी के बिना रेल मंत्रालय भी विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों का प्रबंध नहीं करता। उन्हाेंने कहा कि बड़ी संख्या में पंजाब से श्रमिक हरियाणा आ रहे हैं। इनमें से अधिकांश मजदूर यूपी जाना चाहते हैं। पंजाब सरकार की लापरवाही की वजह से वहां के श्रमिक पलायन कर रहे हैं।

हरियाणा से पलायन करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाले 8 लाख श्रमिकों में 80 प्रतिशत के करीब उत्तर प्रदेश व बिहार के हैं। बाकी झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व राजस्थान आदि राज्यों के कामगार हैं। विज का मानना है कि संबंधित राज्यों द्वारा एनओसी देने में इसलिए आनाकानी की जा रही है क्योंकि अकेला हरियाणा नहीं है जहां से मजदूर पलायन कर रहे हैं। दूसरे भी राज्यों से इन प्रदेशों में श्रमिक लौट रहे हैं। ऐसे में सभी की स्क्रीनिंग करना और उन्हें क्वारंटाइन करना आसान नहीं है।

 विज ने कहा कि हरियाणा में एक लाख से अधिक प्रवासी मजदूर अभी तक पलायन कर चुके हैं। सात लाख के लगभग मजदूर अभी जाने का इंतजार कर रहे हैं। इन मजदूरों ने बाकायदा सरकार द्वारा बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया है। वहीं दूसरी ओर, पंजाब से कच्चे रास्तों व घग्गर नदी को पार करके हरियाणा में पहुंच रहे मजदूरों ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

राज्य सरकार को इन मजदूरों की वजह से अतिरिक्त प्रबंध करने पड़ते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पहले ही कह चुके हैं कि सरकार अभी तक 28 रेलगाड़ियों और 2000 बसों से एक लाख के करीब मजदूरों को उनके मूल राज्यों में पहुंचा चुकी है। बाकी मजदूरों को भेजने के प्रबंध भी सरकार कर रही है लेकिन इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की हिदायतों का पालन करना अनिवार्य है।

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