Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 15 Jul, 2022 09:14 PM
युवती को परेशान करने, नौकरी से निकलवाने की धमकी देने व अभद्र भाषा का प्रयोग करने तथा जान से मारने की धमकी देने के मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राहुल बिश्नोई की अदालत ने शुक्रवार को पुख्ता सबूतों व गवाहों के आधार पर आरोपी...
गुड़गांव, (ब्यूरो): युवती को परेशान करने, नौकरी से निकलवाने की धमकी देने व अभद्र भाषा का प्रयोग करने तथा जान से मारने की धमकी देने के मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राहुल बिश्नोई की अदालत ने शुक्रवार को पुख्ता सबूतों व गवाहों के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए विभिन्न आपराधिक धाराओं में 2 साल की कैद व 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने का भुगतान न करने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 की 17 अक्टूबर को एक युवती ने राजेंद्रा पार्क पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह रेलवे रोड स्थित प्रधानमंत्री कौशल भारत विकास योजना कार्यालय में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत है। उसका चाचा हितेश जो कि दिल्ली में रहता है वह उसके कार्यालय में पहुंचा और धमकी दी कि वह उसे नौकरी से निकलवा देगा और जबरदस्ती उसे अपने साथ ले जाने की जिद करने लगा तथा अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी भी दी।
युवती ने आरोप लगाए थे कि उसका चाचा उसे काफी दिनों से परेशान कर रहा है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए, 354बी, 506 व 509 के तहत मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस जांच में पुलिस ने 66ई आईटी एक्ट भी धारा भी इस मामले में जोड़ दी थी। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। मामला अदालत में चला। अभियोजन पक्ष ने अदालत में जो गवाह व सबूत पेश किए, उनसे आरोपी पर लगे आरोप सिद्ध हो गए। अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 2 साल की कैद व 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।