Edited By vinod kumar, Updated: 15 Dec, 2020 06:10 PM

तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। आज आंदोलन का 20वां दिन हैं। अभी तक कोई हल इसका नहीं निकल पाया है। इस आंदोलन को लेकर सियासत भी पूरी तरह से गरमाई हुई है। विपक्षी दल सरकार पर हमलावर बने हुए हैं, वहीं इसी बीच...
हरियाणा डेस्क: तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। आज आंदोलन का 20वां दिन हैं। अभी तक कोई हल इसका नहीं निकल पाया है। इस आंदोलन को लेकर सियासत भी पूरी तरह से गरमाई हुई है। विपक्षी दल सरकार पर हमलावर बने हुए हैं, वहीं इसी बीच किसान आंदोलन को लेकर फोगाट बहनें आमने सामने हो गई हैं। भाजपा नेत्री एवं अंतरराष्ट्रीय पहलवान बबीता फोगाट और कॉमनवेल्थ व एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली अकेली महिला रेशलर विनेश फोगाट में ट्विटर वार शुरु हो गया हैं। एक बहन जहां सरकार के समर्थन में हैं, तो वहीं दूसरी बहन किसानों के समर्थन में।
बबीता फोगाट ने ट्वीट कर किसान आंदोलन को टुकड़े टुकड़े गैंग द्वारा हाईजैक करने सहित हरियाणा का पानी एसवाईएल को मिलने को लेकर पंजाब सरकार को घेरा था, वहीं मंगलवार को विनेश फोगाट ने ट्वीट कर नसीहत देते हुए कहा कि एक खिलाड़ी हमेशा एक खिलाड़ी ही रहता है चाहे वो किसी भी फील्ड में चला जाए। राजनीति करना अच्छी बात है, लेकिन लोगों की भावनाओं को कुछ तुच्छ बातें बोलकर आहत न करें।
सोमवार को बबीता ने पहले ट्वीट में कहा था कि अब लगता है किसान आंदोलन को टुकड़े टुकड़े गैंग ने हाईजैक कर लिया है। सभी किसान भाइयों से हाथ जोड़कर विनती करती हूं कृपया करके अपने घर वापस लौट जाएं। प्रधानमंत्री कभी भी किसान भाइयों का हक नहीं मरने देंगे। कांग्रेसी और वामपंथी लोग किसान का भला कभी नहीं कर सकते।
वहीं दूसरा ट्वीट एसवाईएल को लेकर किया था, जिसमें कहा था कि एसवाईएल हरियाणा की जीवन रेखा है, इसलिए पंजाब से अपील करती हूं हरियाणा के किसानों को उनके हिस्से का पानी जरूर दें। हरियाणा के किसान हितों का पंजाब को जरूर सोचना चाहिए। सतलुज का फालतु पानी कहीं भी जाए पर हरियाणा के किसान को नहीं देना ये कौन सी समझदारी है।
इस पर नसीहत देते हुए मंगलवार को विनेश फोगाट ने ट्वीट कर कहा कि एक खिलाड़ी हमेशा एक खिलाड़ी ही रहता है चाहे वो किसी भी फील्ड में चला जाए। मेरा खिलाड़ियों, विशेषकर हरियाणा के खिलाड़ियों से अनुरोध है राजनीति करना अच्छी बात है, लेकिन जैसा कि आपने अपने खेल से देश, प्रदेश, समाज और अपने परिवार का नाम हमेशा ऊंचा किया है, उसी मान और सम्मान को बनाए रखे राजनीति में भी। उन लोगों की भावनाओं को कुछ तुच्छ बातें बोलकर आहत न करें जो खेलों के मैदान में एक खिलाड़ी को बनाने में हमेशा योगदान देते हैं।