नई तकनीक से लोगों की परेशानियां कम होने के साथ समय की भी हुई है बचत: मनोहर लाल

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 25 Aug, 2025 09:19 PM

time has also been saved due to new technology manohar lal

केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को नई दिल्ली विधानसभा में आयोजित ऑल इंडिया स्पीकर कांफ्रैंस में शिरकत की।

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को नई दिल्ली विधानसभा में आयोजित ऑल इंडिया स्पीकर कांफ्रैंस में शिरकत की। यह सम्मेलन केंद्रीय विधानसभा के प्रथम स्पीकर रहे विट्ठल भाई पटेल के प्रथम भारतीय स्पीकर बनने के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। सम्मेलन में विभिन्न प्रदेशों के विधानसभा के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों के अलावा दिल्ली के मंत्री एवं सांसदों ने शिरकत की। सोमवार को इस सम्मेलन के समापन अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शामिल हुए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने जहां विद्यायी कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला तो कहा कि गर्वमैंट वो है जो मिनट-मिनट पर जनता की समस्याओं पर गौर करे। अपने संबोधन के दौरान केंद्रीय मंत्री खट्टर ने नई तकनीक के फायदे बताने के साथ-साथ हरियाणा की भी नीतियों का उल्लेख किया और नई तकनीक से नीतियां लागू होने की जानकारी देेते हुए कहा कि इससे लोगों की परेशानियां कम हुई हैं और समय की भी बचत हुई है।

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गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा में हुए सम्मेलन में अपने ज्ञानवर्धक वक्तव्य से केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने काफी वाहवाही बटोरी। उन्होंने ए.आई. से लेकर चैटजीपीटी जैसी तकनीक को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आज डिजिटलकरण हो के बाद पेपर लैस होने से काफी पेड़ बच रहे हैं। एक व्यक्ति को पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए पेड़ अवश्य लगाने चाहिएं। अब पेपरलैस होने से लाखों टन कागज की बचत हुई है, जिससे पेड़ कटने से बचे हैं। इसके साथ ही नई तकनीक से समय की भी बचत हुई है और लोगों की परेशानियां भी दूर हुई हैं। उन्होंने कहा कि जनता को यह जानने का हक है कि सरकार क्या काम कर रही है और किसके लिए कर रही है। ऐसे में अब लोकसभा एवं विधानसभा की कार्रवाई का प्रसारण किया जाता है। विद्यायी कार्यों का डिजिटलकरण किया जा चुका है। उन्होंने सभी विधानसभा अध्यक्षों को साधुवाद देते हुए कहा कि अनेक बार विधानसभा में स्थिति आसामान्य हो जाती है। ऐसे में परिस्थिति के अनुसार संभालना होता है और यह काफी कठिन कार्य है।

हरियाणा की परिवार पहचान पत्र योजना बनी देश में एक उदाहरण- मनोहर लाल

विशेष पहलू यह है कि अपने वक्तव्य के दौरान केंदीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि तकनीक के माध्यम से समय, पैसे एवं पेडों को बचाया जा सकता है। ए.आई. एवं आधुनिक तकनीक के आने के बाद पारदर्शिता भी आई है। उन्होंने हरियाणा के परिवार पहचान पत्र का उदाहरण देेते हुए कहा कि वे 2014 में पहली बार मुख्यमंत्री बने। वे देखते थे कि मुख्यमंत्री आवास, मंत्रियों के आवासों व सचिवालय में लोगों की भीड़ लगी रहती है। एक ही काम के लिए लोग बार-बार चक्कर लगाते हैं। उसी दिन यह दृश्य देखकर संकल्प लिया कि लोगों के काम घर बैठे ही हो जाएं और यह भीड़ न लगे। केंद्रीय मंत्री खट्टर ने बताया कि उन्होंने परिवार पहचान पत्र योजना शुरू की। इसके जरिए सरकारी योजनाओं को इससे जोड़ा। एक ही दिन में एक कलम से ही 12 लाख राशन कार्ड बनाए और 95 हजार बुुजुर्गों की पैंशन घर बैठे बना दी। इस योजना का विपक्ष के लोगों ने विरोध भी दिया और यह भी कहा कि यह अलोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं, जिनके यहां पर लोगों की भीड़ नहीं लगती। मनोहर लाल ने बताया कि तब वे उन्हें जवाब देते थे कि यह भीड़ लगने की परंपरा के चलते आप आज विपक्ष में हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 25 दिसंबर 2014 को उन्होंने सी.एम. विंडो शुरू की और 13 लाख में से साढ़े 11 लाख शिकायतों का समाधान किया। 

प्रखर विधिवेत्ता विट्ठलभाई पटेल हैं प्रेरणा के स्रोत: मनोहर लाल खट्टर

सम्मेलन में शिरकत करने के बाद केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने फेसबुक पर लिखा कि ‘संसदीय परंपराओं के पुरोधा वि_लभाई पटेल के सैंट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली के प्रथम भारतीय अध्यक्ष बनने के शताब्दी वर्ष पर दिल्ली विधानसभा में आयोजित सम्मेलन के समापन सत्र में सहभागिता करने का सुअवसर मिला। प्रखर विधिवेत्ता वि_लभाई पटेल अध्यक्ष के रूप में सभी विधानसभा अध्यक्षों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। उन्होंने विधायी परंपराओं की नींव रखकर न केवल भारतीय लोकतंत्र को मजबूती देने में अद्वितीय योगदान दिया, बल्कि अपने विधानसभा अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान उन्होंने सदन की गरिमा को भी अडिग रखा। आज हर विधानसभा अध्यक्ष का यह परम कत्र्तव्य है कि वे निष्पक्ष, सकारात्मक और रचनात्मक संवाद को बढ़ावा दें, ताकि देश के प्रत्येक वर्ग के हितों की रक्षा हो सके।’ इसी तरह से दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने फेसबुक पर लिखा कि ‘आज दिल्ली विधानसभा में आयोजित ऑल इंडिया स्पीकर्स कांफ्रैंस के समापन सत्र में माननीय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्रीगण मनोहर लाल खट्टर एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा माननीय विधानसभा अध्यक्ष  विजेंद्र गुप्ता सहित अनेक गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। दिल्ली केवल हमारी राजधानी ही नहीं, अपितु लोकतांत्रिक मूल्यों और संवाद की परंपरा की आधारभूमि भी है। यही वह स्थान है, जहां से संविधान की आत्मा को स्वर मिला और विचार-विमर्श की संस्कृति ने सुदृढ़ आकार लिया। यह विधानसभा भवन उस ऐतिहासिक क्षण का भी साक्षी है जब 1925 में श्रद्धेय विट्ठल भाई पटेल केंद्रीय विधानसभा के प्रथम भारतीय स्पीकर बने। उनका संदेश— राष्ट्र प्रथम, दल द्वितीय और स्वयं सदैव अंतिम आज भी हर जनप्रतिनिधि के लिए ध्येय और मार्गदर्शन का स्तंभ है।  कांफ्रैंस ने दिल्ली की उसी गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाते हुए लोकतंत्र को नई ऊर्जा, नई दिशा और नई प्रतिबद्धता दी है। यह दिन न केवल दिल्ली के लिए गर्व का अवसर है, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक सशक्त प्रेरणा भी है। सफल आयोजन के लिए टीम दिल्ली का हार्दिक साधुवाद।’
 

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