Edited By Manisha rana, Updated: 14 Feb, 2024 11:55 AM
कैथल नई अनाजमंडी स्थित को-ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी व ग्रामीण क्षेत्र में बनी विभिन्न सोसायटी में 70 युवाओं को नौकरी लगाने में हुए फर्जीवाड़े के बाद अब दि सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में साल 2021 में प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से हुई 231 कर्मचारीयों की...
कैथल (जयपाल) : कैथल नई अनाजमंडी स्थित को-ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी व ग्रामीण क्षेत्र में बनी विभिन्न सोसायटी में 70 युवाओं को नौकरी लगाने में हुए फर्जीवाड़े के बाद अब दि सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में साल 2021 में प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से हुई 231 कर्मचारीयों की भर्ती पर भी सवाल उठें हैं। जिसमें आरोप हैं कि जिले के दो प्रभावशाली नेताओं और तत्कालीन अधिकारियों ने आपसी साठ-गांठ कर सरकार द्वारा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगाने के दो दिन पहले बैक डेट में जॉइनिंग करवाई।
सूत्रों अनुसार इस भर्ती में छोटे से लेकर बड़े अधिकारी ने मिल बाटकर अपने निजी व रिश्तेदारों को पसंदीदा पोस्ट पर सेट किया है। इस बंदर बांट में बकायदा नेता और अधिकारीयों के अलग-अलग कोटे तक रिजर्व किए थे। भर्ती में अपने कर्मचारी लगाने में जिसकी जितनी चली उसने उतनी चलाई। हालांकि उस समय बैंक कर्मचारी यूनियन ने भी इस भर्ती का विरोध किया था। परन्तु उस समय प्रभावशाली नेताओं के सामने उनकी एक नही चली और वे अपने 231 चहितों को नौकरी लगाने में कामयाब हो गए। जिनको एक साल बाद एच.के.आर.एन के तहत विभिन्न पदों पर रख लिया गया था।
बता दें कि 28 जून 2021 को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में जिले की विभिन्न ब्रांचों में 115 क्लर्क, 35 पीएन, 32 सिक्योरिटी गार्ड, एक ड्राइवर और 8 दफ्तरी कर्मचारी लगाने का निर्णय लिया गया था। जिसका टेंडर प्राइवेट एजेंसी बालाजी सिक्योरिटी सर्विसेज को दिया गया था। इसके बाद सरकार ने 27 सितंबर को आउटसोर्सिंग के तहत कर्मचारी लगाने पर रोक लगा दी थी। राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण अधिकारीयों ने 24 सितंबर को तक आधे से ज्यादा कर्मचारियों की जॉइनिंग बैक डेट में करवा दी थी। लेकिन उस समय बैंक कर्मचारी यूनियन के विरोध के चलते भर्ती को कुछ समय के लिए रोक लिया गया था। इसलिए बाकी बचे कर्मचारियों को मामला ठंडा होने के बाद बैक डेट में ही जॉइन करवा नौकर पर सेट किया गया। अब ये सभी कर्मचारी जिले की विभिन्न 31 ब्रांचों में आराम से अपनी नौकरी कर रहे हैं। अगर इस इस भर्ती की भी उच्च स्तरीय जांच हो तो जिले की और सोसाइटीयों की तरह इसमें भी बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।
अब तक जिले की 9 सोसायटियों के 70 कर्मचारियों की भर्तियां मिल चुकी है फर्जी
सहकारिता विभाग में हुए घोटाले के बाद जिले की विभिन्न सहकारी समितियां में हुई 70 कर्मचारियों की नियुक्ति फर्जी पाई गई है। जिनमें आठ समितियां ग्रामीण क्षेत्र में चल रही है और एक मार्केटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी शहर की मंडी में स्थित है। इन सभी में नौकरी पर रखे गए 70 कर्मचारियों को मैनेजिंग कमेटी द्वारा गलत तरीके से भर्ती किया गया था। विभाग ने अब इनपर कार्रवाई करने के लिए उप रजिस्ट्रार को लिखा है। जिसका आखिरी फैसला डिप्टी रजिस्ट्रार द्वारा लिया जाना है।
ग्रामीण व शहर की सोसायटियों गलत तरीके से लगाए गए कर्मचारी
- खुराना 14
- पाई 12
- पाडला 10
- कुराड़ 06
- पूंडरी 02
- कौल 04
- भूसला 02
- मटौर 06
दि कैथल सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के जीएम रणबीर बैनीवाल ने बताया कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में हुए निर्णय अनुसार ही सभी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। यह भर्ती उनके कार्यकाल में नही हुई इसलिए उनको इस मामले में अधिक जानकारी नही है। यदि इस भर्ती में हुई अनियमितता से संबंधित उनके पास कोई शिकायत आएगी तो उसकी जरूर जांच की जाएगी।
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