Edited By Manisha rana, Updated: 29 Sep, 2024 09:05 AM
गुहला उपमंडल के गांव मस्तगढ़ के एक किसान सिमरनजीत सिंह के 7 एकड़ खेतों में खड़ी धान की फसल खराब हो गई। किसान ने फसल खराब होने का कारण घटिया बीज बताया है। मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए किसान ने बताया कि उसने पंजाब यूनिवर्सिटी की जिला संगरूर के...
गुहला चीका : गुहला उपमंडल के गांव मस्तगढ़ के एक किसान सिमरनजीत सिंह के 7 एकड़ खेतों में खड़ी धान की फसल खराब हो गई। किसान ने फसल खराब होने का कारण घटिया बीज बताया है। मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए किसान ने बताया कि उसने पंजाब यूनिवर्सिटी की जिला संगरूर के गांव खेड़ी में ब्रांच से पी.आर. 14 किस्म की धान का बीज लिया था, जिसके उसके पास पूरे प्रमाण हैं। सिमरनजीत ने बताया कि जब धान छोटी थी, तो बीज खराब होने बारे कुछ पता नहीं चला, जिसके चलते वह धान में पानी व खाद आदि नियमित रूप से देता रहा, परंतु जब धान बड़ी हुई और निसरने लगी तो उसने देखा कि एक बौनी किस्म व दूसरी डबल ऊंचाई वाली फसल साथ-साथ उग रही थी।
किसान ने बताया कि जब उसने यूनिवर्सिटी में सम्पर्क किया तो सम्बन्धित अधिकारियों ने उसे यह कह कर टाल दिया कि एक-दो दिन में आकर उसकी फसल देखते हैं, परंतु वे नहीं आए। जब उसने खेड़ी ब्रांच से सम्पर्क साधा तो वहां भी उसे टरका दिया गया। उसने हारकर स्थानीय कृषि अधिकारियों से सम्पर्क साधा और फसल देखकर कुछ सुझाव देने की गुहार लगाई। इस पर कृषि विभाग के अधिकारी खेतों में आए और बताया कि उसकी 60 से 70 प्रतिशत फसल खराब हो गई है, जो कि डबल बीज के कारण हुई है। किसान ने बताया कि जो धान जरूरत से ज्यादा लंबी हो गई थी, उसमें दाना ही नहीं बना और जब वह पक गई तो लम्बी धान के पौधे बौनी धान के पौधों पर गिर गए, जिससे बौनी धान की बल्लियां टूट गईं और धान के दाने झड़ गए। इसके चलते उसका लाखों रुपयों का नुक्सान हो गया।
उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटा मांगा न्याय
प्रभावित किसान सिमरनजीत सिंह ने बताया कि जब पंजाबी यूनिवर्सिटी व बीज खरीद केन्द्र के अधिकारियों ने उसकी सुनवाई नहीं की तो उसने उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए कैथल कोर्ट में यूनिवर्सिटी व खरीद केन्द्र के खिलाफ याचिका दायर की, जिसमें सम्बन्धित अधिकारियों की लापरवाही व घटिया बीज देने के चलते न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उपभोक्ता अदालत से उसे न्याय जरूर मिलेगा और अदालत यूनिवर्सिटी को मुआवजा देने के आदेश जारी करेगी।
क्या कहना है कृषि विभाग के सहायक उपमंडल कृषि अधिकारी का
इस सम्बन्ध में सहायक उपमंडल कृषि अधिकारी डाॅ. कंचन ने कहा कि उक्त किसान क्योंकि पंजाब से बीज लाया था, तो उस विषय में तो वे कुछ नहीं कर सकते, परंतु क्योंकि किसान उनके इलाके का है नतीजतन उन्होंने किसान की मांग पर खेतों में जाकर फसल की जांच की और पाया कि गलती या लापरवाही से किसान को 2 किस्मों का बीज दे दिया गया, जिससे उसकी लगभग 60 प्रतिशत फसल खराब हो गई है। उन्होंने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट लिखित रूप से किसान को दे दी गई है।
क्या कहना है पंजाब यूनिवर्सिटी के अधिकारी का
जब इस सम्बन्ध में पंजाब यूनिवर्सिटी की खेड़ी गांव की शाखा के एक अधिकारी डाॅ. मनप्रीत सिंह से दूरभाष पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि प्रभावित किसान से बीज के खाली थैले की फोटो व कुछ अन्य प्रमाण मंगवाए गए हैं। उनके मिलने के बाद उक्त बीजों के बैच का नम्बर देखकर मामले की जांच करवाई जाएगी। जांच रिपोर्ट देखकर अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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