प्रदेश के सबसे एक्टिव मंत्रियों में सुभाष सुधा की गिनती , लापरवाह अधिकारियों पर सख्त हुए निकाय मंत्री

Edited By Isha, Updated: 07 Jul, 2024 05:04 PM

subhash sudha is counted among the most active ministers of the state

एक और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लगातार काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दे रहे हैं। वहीं, शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने  लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पुरानी कैबिनेट के इस्तीफा

 चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):  एक और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लगातार काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दे रहे हैं। वहीं, शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने  लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पुरानी कैबिनेट के इस्तीफा दिए जाने के बाद सुभाष सुधा को निकाय विभाग देने के पीछे मुख्यमंत्री नायब सिंह की एक सोची समझी रणनीति है।

सुभाष सुधा नगर परिषद के चेयरमैन रहने के अलावा कई अन्य निचले स्तर पर भी चुनाव जीत चुके हैं। इसलिए वह स्थानीय मामलों को अच्छे से जानते है, कि किस स्तर पर कैसे काम होता है और उस कमी को कैसे दुरुस्त किया जा सकता है। अपने अंदाज और सरकार की छवि को बरकरार रखते हुए निकाय विभाग मिलने के बाद से ही मौजूदा कैबिनेट में प्रदेश के सबसे एक्टिव मंत्रियों में सुभाष सुधा की गिनती होती है। सुभाष सुधा जहां तुरंत फैसले लेने से परहेज नहीं करते। वहीं, वह काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ तुरंत एक्शन ले रहे हैं। 

इन अधिकारियों को कर चुके सस्पेंड
शहरी निकाय मंत्री ने गुरुग्राम प्रवर्तन शाखा के एसडीओ हितेश दहिया को भ्रष्टाचार के मामले में सस्पेंड किया था। आरोप है कि एक मैरिज लॉन के निर्माण के लिए 13 लाख रुपये की घूस की मांग कर रहा था। एसडीओ ने मांग पूरी न होने पर मैरिज लॉन को तोड़ दिया था। इसी प्रकार से फरीदाबाद में विकास कार्य में लापरवाही बरतने पर नगर निगम के एसडीओ राजकुमार को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। इसके अलावा अंबाला में मंत्री सुधा ने नगर निगम के एक्सईएन महेंद्र और जेई संजीव दलाल को मौके पर ही सस्पेंड करने का आदेश दिया था। 

कंपनियों का ठेका किया रद्द
गुरुग्राम और फरीदाबाद में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाली ईको ग्रीन कंपनी का ठेका प्रदेश सरकार ने रद्द कर दिया। नियमों पर खरा न उतरने के चलते सरकार ने यह फैसला लिया है। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कंपनी का करार रद्द करने को मंजूरी दी। मंत्री का कहना है कि सरकार ने कंपनी का ठेका रद्द कर दिया है, दोनों शहरों में नए सिरे से इस पर काम शुरू किया जाएगा। इसी प्रकार करनाल, पानीपत, सोनीपत और रोहतक नगर निगम के ठेकेदारों को लेकर भी सरकार को शिकायत मिली है। यहां ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत के आरोप हैं। यहां भी कूड़ा उठान और सफाई तरीके से नहीं हो रही है। इसलिए निकाय विभाग ने ऐसे मामलों की जांच कराने का फैसला लिया है। पंचकूला में एक निजी फर्म से बकाया राशि वसूलने में लापरवाही बरतने के आरोप में एक सरकारी अधिकारी को निलंबित किया। इसके अलावा कालका नगर परिषद के अधिकारियों को शहर में किए जा रहे नागरिक कार्यों में कमियों के लिए फटकार लगाई।

विभाग मिलने पर किया था वादा
थानेसर से विधायक सुभाष सुधा को शहरी स्थानीय निकाय की जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होंने पूरी मेहनत के साथ काम करने का वादा किया था। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी और बीजेपी के नेताओं का भी आभार जताया था।

अधिकारियों को दी चेतावनी
मंत्री पद संभालने के बाद से सुभाष सुधा लगातार लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को ना केवल चेतावनी दे रहे हैं। बल्कि उनके खिलाफ एक्शन भी कर रहे हैं। सुभाष सुधा ने अधिकारियों को साफ कहा है कि यदि कहीं से किसी क्षेत्र में सफाई व्यवस्था से संबंधित विशेषकर मानसून सीजन में पानी अवरुद्घ होने की शिकायत उनके पास सामने आई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करने में वे पीछे नहीं हटेंगे। इसलिए अधिकारी फील्ड में रहकर कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने निरीक्षण के दौरान यह भी कहा कि सफाई के दौरान जो गाद निकलती है, उसे समय रहते यहां से उठवाना भी सुनिश्चित करें।
लिया जाएगा एक्शन

शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने कहा कि प्रदेश के कई शहरों का दौरा करने पर काम न करने की शिकायतें संज्ञान में आई हैं। कई जगह पर भी ढुलमूल व्यवस्था सामने आई है। आगे से इन कमियों और व्यवस्थाओं का सुधार करने की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी दी कि जिस भी अधिकारी-कर्मचारी के काम में कमी पाई जाएगी, उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

जनता की मांग हो रही पूरी
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से लगातार एक के बाद एक घोषणा किए जाने पर सुभाष सुधा ने कहा कि हरियाणा की जनता की कुछ मांगे थी, जिसे सबने मिलकर मुख्यमंत्री के सामने रखा था। मुख्यमंत्री की ओर से की जा रही घोषणाएं उन्हीं मांगों को पूरा करने की कोशिश है। सुधा ने बताया कि जनता की तकलीफ को देखते हुए हाल ही में एक दिन में 80 हजार पेंशन लगाई गई। इसके अलावा शहरी विकास योजना के तहत हुडा विभाग से जमीन लेकर गरीब लोगों को 30 गज का प्लाट एक लाख रुपए में किश्तों पर देने का काम किया जा रहा है। साथ ही शहरों में भी गरीब लोगों के प्लाट खरीदने के लिए एक लाख रुपए कैश दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से सरपंचों को अब 21 लाख रुपए तक के काम करवाने की पावर दी गई है। उनके अनुसार मुख्यमंत्री की इच्छा है कि पंचायतों को शक्तिशाली बनाकर उन्हें अधिक से अधिक फंड भेजना है, जिसकी व्यवस्था की जा रही है।

 

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