Edited By Gourav Chouhan, Updated: 31 Jan, 2023 04:45 PM

हरियाणा सरकार ने राज्य सतर्कता ब्यूरो को और अधिक सशक्त करते हुए इसका नाम बदलकर भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एंटी करप्शन ब्यूरो) करने का निर्णय लिया है।
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए अपनाई गई ज़ीरो टॉलरेंस नीति के विज़न में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है। दरअसल हरियाणा सरकार ने राज्य सतर्कता ब्यूरो को और अधिक सशक्त करते हुए इसका नाम बदलकर भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एंटी करप्शन ब्यूरो) करने का निर्णय लिया है।
यह निर्णय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में डिविजनल विजिलेंस ब्यूरो के पुलिस उप महानिरीक्षकों (डीआईजी) और पुलिस अधीक्षकों के साथ हुई अहम बैठक में लिया गया। बैठक में मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, सीआईडी श्री आलोक मित्तल भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह अधिकारी, कर्मचारी या कोई अन्य व्यक्ति ही क्यों न हों। एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों को और अधिक सक्रियता से कार्य करना होगा, ताकि भ्रष्टाचार जड़ से खत्म हो सके।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की मंडलस्तर व जिलास्तर पर सक्रियता बढ़ाई थी और अलग से नोडल अधिकारी नियुक्त किये थे, जिसके फलस्वरूप विजिलेंस की छापेमारी में तेजी आई और सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, प्राइवेट व्यक्तियों व इंजीनियरिंग विंग के ठेकेदारों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किये। कई मामलों में तो अदालत ने जुर्माने के साथ-साथ कठोर कारावास की सजा भी सुनाई है।
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