Edited By Manisha rana, Updated: 12 Feb, 2024 11:54 AM
![smugglers game on farmers urea](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_2image_11_52_336708431yamunanagar-ll.jpg)
यमुनानगर का जगाधरी शहर स्टील नगरी के नाम से जाना जाता है। स्टील जितना ही बड़ा उद्योग यहां प्लाईवुड का भी है। यहां से प्लाई तैयार कर देश विदेश में भेजी जाती है। इस प्लाई को तैयार करने के लिए ग्लू की जरूरत पड़ती है।
यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता) : यमुनानगर का जगाधरी शहर स्टील नगरी के नाम से जाना जाता है। स्टील जितना ही बड़ा उद्योग यहां प्लाईवुड का भी है। यहां से प्लाई तैयार कर देश विदेश में भेजी जाती है। इस प्लाई को तैयार करने के लिए ग्लू की जरूरत पड़ती है। ग्लू बनाने के लिए यूरिया की जरूरत पड़ती है। हालांकि इंडस्ट्री के लिए अलग से यूरिया उपलब्ध करवाया जाता है लेकिन उसकी कीमत 4000 रूपए प्रति बैग से भी ज्यादा बताई जाती है। जबकि किसान को सब्सिडी पर वही यूरिया 267 रुपए का मिलता है। ऐसे में ग्लू बनाने वाली फैक्ट्री के मालिक कुछ यूरिया तस्करों से वही बैग 400 से 500 रुपए तक खरीद लेते हैं और जब किसान को यूरिया की जरूरत पड़ती है तो उसे दर-दर भटकना पड़ता है।
हाल ही में अवैध यूरिया से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली कुछ लोगों द्वारा डायल 112 बुलाकर पकड़वाई गई थी। अगले दिन मामले को गोलमोल करने के लिए फर्जी बिलों की तैयारी की गई। लेकिन आरोपी वहां भी गलती कर बैठे और पूरे खाद के बिल नहीं दिखा सके और दूसरा जिस ट्रैक्टर के चालक को पुलिस के सामने पेश किया गया। उसने पूरे मामले का खुलासा कर दिया, क्योंकि पुलिस के सामने ड्राइवर भी बदलकर पेश किया गया। बिलों के मामले में पुलिस को गड़बड़ लगी तो कृषि अधिकारी बलबीर भान, खाद विक्रेता सुमित और बृजेश कंबोज के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बृजेश कंबोज और सुमित की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसकी जांच लगातार चल रही है और इसमें जो अन्य लोग शामिल हैं, उन्हें भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
वहीं इस मामले में अभी और भी जांच जारी है। जिसमें और लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। यह धंधा पिछले लंबे समय से चल रहा है। किसान हर बार यूरिया ना मिलने के कारण हाय तौबा मचाते हैं, जबकि फैक्ट्री में यह ब्लैक में जा रहा है। अब देखना यह होगा कि पुलिस कितनी गहराई तक जाकर इस पर अंकुश लगा पाती है।
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