Edited By Updated: 24 Jan, 2017 01:29 PM
रिंग में प्रतिद्वंदियों को धूल चटाने वाली ओलंपियन पहलवान हरियाणा की साक्षी पहलवान की तस्वीरें सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही हैं।
रोहतक:रिंग में प्रतिद्वंदियों को धूल चटाने वाली ओलंपियन पहलवान हरियाणा की साक्षी पहलवान की तस्वीरें सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही हैं। साक्षी पदक जीतने के बाद काफी एक्टिव हो गई हैं। वह अपने फेसबुक पेज पर काफी तस्वीरें अपलोड करतीं है। जिनमें वह बहुत खूबसूरत दिखाई देतीं है।
साक्षी जल्द ही बनेंगी दूल्हन
आपको बता दें कि साक्षी मलिक जल्द ही शादी के बंधंन में बंधने जा रही हैं। शादी की तारीख तय हो गई है। होने वाले पति सत्यव्रत कादियान ने बताया कि परिवार वालों ने तारीख निकलवाई है। 2 अप्रैल को वे शादी के बंधन में बंध जाएंगे। परिवार वालों ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। बता दें कि साक्षी मलिक और सत्यव्रत कादियान की सगाई 16 अक्तूबर को हुई थी। दोनों में प्रेम संबंध था और उनकी यह लव स्टोरी अखाड़े से ही शुरू हुई थी। उनकी प्रेम कहानी हिन्दी मूवी 'सुल्तान' से काफी मिलती जुलती है।
जानिए साक्षी का जीवन परिचय
साक्षी मलिक का जन्म 03 सितम्बर 1992 को हरियाणा के रोेहतक जिले में मोखरा खास नामक गांव में हुआ था। साक्षी के जन्म के कुछ समय बाद उनकी मां सुदेश मलिक की आंगनबाड़ी में नौकरी लग गयी और पिता सुखबीर मलिक दिल्ली में बस कंडक्टर हो गये। ऐसे में समस्या आई कि साक्षी का क्या किया जाए। काफी सोच विचार के बाद साक्षी को गांव में उसके दादा-दादी के पास छोड़ दिया गया, जहां पर वह पली और बढ़ी।
दादा से ली प्रेरणा
साक्षी के दादा बदलूराम इलाके के मशहूर पहलवान थे। आसपास के इलाके में उनका बड़ा रुतबा था। उनके घर पर जो भी आता, वह ऐहतराम के साथ 'पहलवान जी, नमस्ते' कह कर उनका अभिवादन करता। यह सुनकर नन्ही साक्षी आनंद से भर जाती। धीरे-धीरे उसके मन में यह बात बैठ गई कि अगर वह भी अपने दादा की तरह पहलवान बन जाए, तो लोग उसको भी इसी तरह से मान-सम्मान देंगे। सात साल तक दादा के पास रहने के बाद साक्षी अपनी मां के पास लौट गई। लेकिन तब तक वह पहलवान बनने का दृढ निश्चय कर चुकी थी। मां ने जब उसकी इच्छा सुनी, तो वह चौंक उठीं। उसके पिता और दादा ने भी साक्षी का विरोध किया, क्योंकि उन्हें डर था कि कुश्ती के चक्कर में कहीं उसके हाथ-पैर न टूट जाएं। सभी लोगों ने साक्षी को बहुत समझाया, पर साक्षी टस से मस नहीं हुई। और अंतत: साक्षी के घर वाले उसे कुश्ती की ट्रेनिंग देने के लिए तैयार हो गए।