Edited By Deepak Kumar, Updated: 18 Feb, 2025 07:41 PM

अमेरिका सरकार ने पिछले दिनों दावा किया कि डिपोर्ट किये जाने वाले 18,000 भारतीयों की सूची उन्होंने भारत सरकार को सौंप दी है। लेकिन दूसरी ओर आरटीआई के जवाब में भारत सरकार ने ऐसी किसी सूची अमेरिका सरकार द्वारा उसे दिये जाने से इंकार किया है।
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : जहां एक ओर हाथों में हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां डाल कर बेहद अमानवीय व शर्मनाक ढंग से सैन्य विमानों से अमेरिका अवैध तरीके से गये भारतीयों को भारत वापिस भेज रहा है, अमेरिका सरकार ने पिछले दिनों दावा किया कि डिपोर्ट किये जाने वाले 18,000 भारतीयों की सूची उन्होंने भारत सरकार को सौंप दी है। लेकिन दूसरी ओर आरटीआई के जवाब में भारत सरकार ने ऐसी किसी सूची अमेरिका सरकार द्वारा उसे दिये जाने से इंकार किया है।
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि गत 24 जनवरी को अमेरिका के उच्च अधिकारियों ने डिपोर्ट किये जाने वाले 18000 भारतीय नागरिकों की सूची भारत सरकार को सौंपने का दावा मीडिया में किया था। इसी संदर्भ में कपूर ने गत 25 जनवरी को विदेश मंत्रालय में आरटीआई आवेदन लगा कर यह सूची मांगी थी और सरकार द्वारा इस मुद्दे पर की गई कारवाई की रिपोर्ट मांगी थी । इसके जवाब में विदेश मंत्रालय के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी एवं सलाहकार आयुष मोहन ने अपने 10 फरवरी के पत्र से सूचित किया कि उनके पास ऐसी कोई सूची ही नहीं है।
कपूर ने आरोप लगाया इस सूची में प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात के काफी लोग शामिल हैं, इसीलिए जानबूझ कर लिस्ट सार्वजनिक नहीं की जा रही । केंद्र सरकार के लिये यह बेहद शर्मनाक और निंदनीय है कि एक ओर जहां भारतीय युवकों को अपमानजनक तरीके व अमानवीय हालात में वापिस भारत भेजा जा रहा है, इस बारे कोई कारवाई करना तो दूर रहा, भारत सरकार अमेरिका से डिपोर्ट किये जाने वाले भारतीयों की सूची को भी छिपा रही है।
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