Edited By Isha, Updated: 09 Feb, 2024 01:31 PM
पराली प्रबंधन में प्रदेश भर में पहले स्थान पर रहने वाले कैथल जिले के लगभग 20 हजार किसानो के अभी भी 20 करोड़ रूपये अटके हुए है। इसका मुख्य कारण जो विभाग के अधिकारियों ने बताया वो यह है कि प्रत्येक
कैथल: पराली प्रबंधन में प्रदेश भर में पहले स्थान पर रहने वाले कैथल जिले के लगभग 20 हजार किसानो के अभी भी 20 करोड़ रूपये अटके हुए है। इसका मुख्य कारण जो विभाग के अधिकारियों ने बताया वो यह है कि प्रत्येक किसान का यूनिक कोड होता है वो चेक करना होता है , उसको पूरी तरह वेरीफाई करके ही आगे की प्रोसेस शुरू होती है, हालाँकि विभाग के कर्मचारी लगातार लगे हुए है लेकिन फिर भी अभी तक बड़ी मात्र में किसान प्रोत्साहन राशी से वंचित है।
इसके साथ ही बहुत से फार्म ऐसे है जिन पर लोकल विलेज कमेटी के सदस्यों के साइन नहीं है। जिस कारण भी दिक्कत आ रही है। बता दे कि पराली प्रबंधन में करने वाले किसानों को सरकार की तरफ से प्रति एकड़ एक हजार रुपए की की प्रोत्साहन राशि दी जाती और कैथल जिले में 25 हजार ऐसे किसान है जिन्होंने पराली प्रबंधन करने के बाद प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन किया था। किसानो के खातो में 25 करोड़ रुपया आना था। लेकिन अभी तक सिर्फ 5 हजार किसान ही ऐसे है जिन्हें अब तक ये प्रोत्साहन राशी प्राप्त हुई है और 20 हजार किसान अभी भी इसके लिए इंतजार में बैठे है।
किसानों को दी जाती है प्रोत्साहन राशि
हरियाणा सरकार द्वारा पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को 1 हजार रूपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाती है जिसके लिए सबसे पहले किसान को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होता है। इसके बाद लोकल विलेज कमेटी इसकी वेरिफिकेशन करती है। कमेटी में गांव का नंबरदार, एक कृषि विभाग का कर्मचारी व एक पटवारी शामिल होता है। इसके बाद कमेटी की तरफ से फाइल को डीडीए एग्रीकल्चर को भेजा जाता है| डीडीए एग्रीकल्चर में सहायक कृषि अभियंता डॉ. जगदीश मलिक डीसी से पेमेंट की अप्रूवल लेते हैं, जिसके बाद किसान के खाते में प्रोत्साहन राशि डाली जाती है।