ऑफिस छोड़ स्कूलों के चक्कर लगाने लगे अभिभावक, एडमिशन के नाम पर निजी स्कूल कर रहे मनमानी

Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 25 Apr, 2024 07:07 PM

private schools not giving admission to ews students in gurgaon

कहते हैं बच्चों के बेहतर विकास के लिए उन्हें बेहतरीन शिक्षा देनी चाहिए, लेकिन क्या हो जब स्कूल ही बच्चों को शिक्षित करने से मना कर दे। इन दिनों गुड़गांव निवासी अपने कार्यालयों, दुकान और घरों को छोड़कर स्कूलों और शिक्षा विभाग के कार्यालय के चक्कर लगा...

गुड़गांव, (ब्यूरो): कहते हैं बच्चों के बेहतर विकास के लिए उन्हें बेहतरीन शिक्षा देनी चाहिए, लेकिन क्या हो जब स्कूल ही बच्चों को शिक्षित करने से मना कर दे। इन दिनों गुड़गांव निवासी अपने कार्यालयों, दुकान और घरों को छोड़कर स्कूलों और शिक्षा विभाग के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनके बच्चों का स्कूल में एडमिशन नहीं हो पा रहा है। अभिभावकों की मानें तो स्कूलों की मनमानी के सामने शिक्षा विभाग भी खुद को लाचार समझने लगा है। ज्यादातर स्कूलों ने छात्रों के एडमिशन के लिए फॉर्म लेने से मना कर दिया है जबकि कुछ स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने फॉर्म तो ले लिए हैं, लेकिन उनमें कमियां बताकर फाॅर्म रिजेक्ट कर दिए गए हैं। ऐसे में मजबूरन अभिभावकों को परेशान होकर स्कूल और शिक्षा विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

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वहीं अभिभावकों का कहना है कि इन दिनों शिक्षा विभाग भी उनकी सहायता करने की बजाय टाल मटोल का रवैया अपनाए हुए है। इस पर विपक्ष ने भी भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि एक तरफ तो शिक्षित भारत का नारा यह भाजपा सरकार दे रही है, लेकिन दूसरी तरफ शिक्षा का अधिकार अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू करने में पीछे हट रही है। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल में दाखिला ही नहीं दिला पा रहे हैं।

 

वरिष्ठ कांग्रेस नेता पंकज डावर अभिभावकों की मानें तो वह कई दिनों से स्कूल और शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं। स्कूल कभी फॉर्म में कमी निकाल रहा है तो कभी दस्तावेज देने के बाद भी कोई न कोई बहाना बनाकर दूसरा दस्तावेज मांग रहा है। शिक्षा विभाग में शिकायत करने के बाद भी उन्हें समय पर समय दिया जा रहा है। ऐसे में वह आरटीई के तहत अपने बच्चों का एडमिशन स्कूल में कैसे कराएं।

 

अभिभावक मोहन सिंह, सुधीर भदौरिया अभिभावकों ने बताया कि स्कूल ने उनके बच्चों के फॉर्म तक लेने बंद कर दिए हैं। कोई स्कूल प्रबंधन कहता है कि उनका मैनेजमेंट स्कूल में नहीं है, ऐसे में वह उनके आवेदन पर निर्णय नहीं ले सकते। वहीं, कुछ स्कूल प्रबंधन ने उन अभिभावकों को भी बच्चे का एडमिशन लेने से मना कर दिया जो स्कूल से चंद कदमों की दूरी पर ही रहते हैं। 

 

अभिभावक प्रदीप सिंह, कन्हैया ने कहा कि गुस्साए लोग आज ब्लॉक एजुकेशन ऑफिस पहुंचे और स्कूलों की मनमानी के खिलाफ जमकर गुब्बार निकाला। वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी अपना पीछा छुड़ाने के लिए अभिभावकों को सोमवार को कार्यालय आने के लिए कह दिया। ऐसे में साफ जाहिर हो रहा है कि शिक्षा विभाग ही आरटीई के तहत छात्रों को निजी स्कूलों में भर्ती कराने के लिए कोई खास दिलचस्पी ही नहीं दिखा रहा है जिसके कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। लोगों ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

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