Edited By Manisha rana, Updated: 27 May, 2023 05:24 PM

जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे पानी के टैंकरों के दाम भी पेट्रोलियम पदार्थों की तरह रोजाना लगे हैं इससे ग्रामीणों की चिंता लाजमी है।
फिरोजपुरझिरका (ब्यूरो) : जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे पानी के टैंकरों के दाम भी पेट्रोलियम पदार्थों की तरह रोजाना लगे हैं इससे ग्रामीणों की चिंता लाजमी है। एक वाटर टैंकर पिछले माह 900 से 1000 तक मिल रहा था। 24 मई को यह कीमत बढ़कर 1100 से 1300 रुपए तक पहुंच गई है। खास बात यह भी है कि 2004 और 2011 की रैनिवेल परियोजनाओं में बने वाटर चैम्बर सूखे हुए हैं. कुछ चेम्बरो में कभी कभार पानी आता है। लगभग 500 करोड़ की लागत से दो परियोजनाओं पर तेजी से कार्य चल रहा है। दो साल पहले हरियाणा सरकार ने 225 करोड़ की धनराशि रेनीवेल परियोजना का कार्य पूरा करने के लिए दिए थे। जो अभी आधा अधूरा है।
वहीं फिरोजपुर झिरका व नगीना के 80 गांवों को जोड़कर 263 करोड़ की लागत से रेनीवेल परियोजना का काम लगभग पूरा है। जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग द्वारा सप्लाई पूरी तरह से चालू ने करने के कारण निजी टैंकर चालकों ने पानी के दाम बढ़ा दिए हैं जहां से यह पानी भरकर लाते है उन्होंने ने अपने दाम बढ़ा दिए हैं। पिछले साल की भांति इस साल जल जीवन मिशन के तहत जिला नूह के लिए करोड़ों की धनराशि आवंटित हुई है। जानकारी के अनुसार इलाक्ने में 45 गांव ऐसे है जिनमें रात दिन टैंकर का पानी ग्रामीण खरीदते हैं। चार साल पहले फिरोजपुर झिरका में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 263 करोड़ रुपए की धनराशि उपमंडल के 80 गांवों के लिए स्वीकृत की थी, जिसका लाभ अभी नहीं मिल रहा।
टैंकरों पर निर्भर गांव : अकलीमपुर गांव के सरपंच असरुद्दीन, पूर्व सरपंच राजपाल करहेड़ा ने बताया कि गांव में वाटर बूस्टर बना हुआ हैं लेकिन चार-पांच साल से कभी पानी नहीं आया। कई बार शिकायत दे चुके पंचायत को अपने खर्चे से बूस्टर में पानी डलवाना पड़ता है। इस समस्या का स्थाई समाधान विधायक और जिला प्रशासन को ढूंढना चाहिए।
जल जीवन मिशन शुरु : फिरोजपुर झिरका जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के एसडीओ वली मोहम्मद ने बताया कि तीन परियोजनाएं नगीना और फिरोजपुर झिरका के लिए चल रही हैं जिनमें 263 करोड़ रुपए, 228 करोड़ रुपए के अलावा 8 ग्राम पंचायतों को करोड़ों रुपए की धनराशि स्वीकृत हुई है। हमारा उद्देश्य हैं कि प्रत्येक घर को 'उसके हिस्से का पानी मिले। इसके लिए जल जीवन मिशन भी कार्य कर रहा है जिसके अंतर्गत घर घर नल लगाए जाने का प्रावधान है और बड़े वाटर टैंक भी बनाए जा रहे हैं।