विराट सिख सम्मेलन में सरकारी कब्जे से गुरुद्वारों को मुक्त करवाने का आह्वान, पंथक आकाली दल ने नवंबर तक की दी मोहलत

Edited By Saurabh Pal, Updated: 01 Sep, 2024 09:01 PM

panthak akali demands to free haryana s gurudwaras from the government

शिरोमणि पंथक अकाली दल हरियाणा द्वारा करनाल के जीटी रोड पर स्थित माता साहब देब जी शहीद जंग सिंह गुरुद्वारे के सभागार में विशाल सिख सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में देश भर के सिख युवकों से सरकार के कब्जे से हरियाणा के गुरुद्वारों को मुक्त...

करनाल: शिरोमणि पंथक अकाली दल हरियाणा द्वारा करनाल के जीटी रोड पर स्थित माता साहब देब जी शहीद जंग सिंह गुरुद्वारे के सभागार में विशाल सिख सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में देश भर के सिख युवकों से सरकार के कब्जे से हरियाणा के गुरुद्वारों को मुक्त करवाने का आह्वान किया गया। इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक थे। सरकार को एक नवंबर तक की मोहलत दी गई। एचएसजीपीसी के चुनाव घोषित करने के लिए हजारों लोगों की संगत के बीच बोले सो निहाल सत श्री अकाल के उद्घोष के बीच राजनीतिक और सामाजिक प्रस्ताव पारित किए गए। इन प्रस्तावों के माध्यम से कहा गया कि सिखों के धार्मिक मामलों में सरकार का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रस्ताव में कहा गया कि संगत हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव जल्द चाहती हैं।

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इस अवसर पर प्रस्ताव के माध्यम से राज्यपाल से मांग की गई सरकारी एचएसजीपीसी कमेटी को तत्काल भंग कर नए सिरे से चुनाव चुनाव कराए जाएंगे। तब तक रिसीवी को बिठाया जाए। इस अवसर पर कंगना रानौत की फिल्मों के वहिष्कार की अपील की गई। सरकार से कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी पर पाबंदी लगाने की मांग सरकार से की गई। एक अन्य प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से कहा गया कि यदि सरकार ने एक नवंबर तक एचएसजीपीसी के चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किया तो 21 नवंबर को प्रदेश भर की सिख संगत कुरुक्षेत्र डीसी कार्यालय का घेराव करेंगी। उसके बाद बेमियादी धरना दिया जाएगा। एक इसके महत्वपूर्ण प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से मांग की गई कि श्री गुरुग्रंथ साहेब के बेअदबी के मामलों में सख्त सजा के कानून को ससंद द्वारा लागू करवाया जाए। इस अवसर पर पारित प्रस्ताव में कहा गया कि प्रदेश में जो भी प्रत्याशी भाजपा उम्मीदवार को हराने में सक्षम होगा, सिख संगत उसका समर्थन करेगी। इस कार्यक्रम में पारित प्रस्ताव में सरकार से मांग की गई कि परीक्षाओं में सिखों के धार्मिक चिन्हों को धारण करने से अभ्यार्थियों को नहीं रोका जाए। इस अवसर पर एक अन्य प्रस्ताव पारित कर श्री अकाल तख्त के प्रमुख जत्थेदार से पंथ की एकता की खातिर करनाल में आठ सितंबर को होने वाले सिख सम्मेलन पर रोक लगाने की मांग की गई।

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'गुरुद्वारों पर कब्जा करने वालों को उखाड़ फेंके'

मुख्य अतिथि पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक ने कहा कि उन्हें न्याय की लड़ाई लड़ने की प्रेरणा सिख संगत से मिलती हैं। उन्होंने कहा कि जो सरकार उनके धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही हैं। उस सरकार को उखाड़ कर फैक दो। उन्होंने कहा कि सरकार सिख समुदाय से पंगा नहीं ले। सिख समुदाय से जिसने भी पंगा लिया उसका बजूद ,खतरे में पड़ गया। सरकार सिख गुरुद्वारों पर कब्जा करने से बाज आए अन्यथा इसके भयंकर परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि फिल्म अभिनेत्री कंगना को भाजपा पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए। सिख सम्मेलन में हरियाणा के अलग अलग भागों से हजारों लोग पहुंचे थे। आयोजन स्थल छोटा पड़ गया, लगभग सात हजार लोगों की हाजरी के बीच सिख पंथ की एकता हिलोरे ले रही थीं। इस अवसर पर युवा प्रधान भूपिंदर लाडी ने युवाओं से पंथ की रक्षा के लिए आगे आने की अपील की। वहीं मुख्य अतिथि का स्वागत और सत्कार बाबा जोगा सिंह ने किया। हरियाणा में गुरुद्वारों को सरकार द्वारा थोपी गई कमेटी से मुक्त करवाने के लिए अपील की गई।

किसी भी कुर्बानी से नहीं डरेंग: झिंडा

वहीं शिरोमणि पंथक अकाली दल हरियाणा के प्रमुख जगदीश सिंह झिंडा ने सिख युवाओं से अपील की कि वह सिख पंथ की रक्षा के लिए सरकारी कब्जे से गुरुद्वारों को मुक्त करवाने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि पंथ की रक्षा के लिए तथा गुरुद्वारों को सरकारी कब्जों से मुक्त करवाने के लिए किसी भी कुर्बानी के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि बड़े जत्थेदारों ने अपने डेरों को  बचाने के लिए सरकार और भाजपा के आगे धुटने टेक दिए है। साथ ही झिंडा ने कहा कि सरकार द्वारा गठित की गई हरियाणा सिख  गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के गठन को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि एक नवंबर तक एचएसजीपीसी के चुनाव करवाने के लिए तिथि की घोषणा नहीं की तो सिख संगत आर-पार की लड़ाई छेड़ देगी। गुरुद्वारों की गौलकों को उपयोग राजनीतिक और भाजपा के लिए किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को गुरुओं की कुर्बानी को याद करना चाहिए। गुरुओं ने पंथ की रक्षा के लिए अपने परिवार को कुर्बान कर दिया। आज कई जत्थेदार सरकार की गोद में जा कर बैठ गए हैं।  उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई किसी से नहीं है। बल्कि उनकी लड़ाई पंथ के दुश्मनों के साथ हैं। इस अवसर पर शिरोमणि पंथक अकाली दल हरियाणा के युवा प्रमुख भूपिंदर सिंह लाडी, युवा नेता गरुदीप सिंह सिंह अपार सिंह, जोङ्क्षगदर सिंह झिंडा, जरनरैल सिंह दविंदर सिंह हरप्रीत सिंह जंगी, दलजीत सिंह, सुखविंदर सिंह, सतविंदर सिंह  बलविंदर सिंह, नरेंद्र सिंह कात्याल, सुरेंद्र सिंह यमुनानगर ने विचार व्यक्त किए।

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