Edited By Deepak Kumar, Updated: 18 Dec, 2024 01:16 PM
रियाणा के स्वास्थ्य महानिदेशक के कार्यालय के हालात कुछ और ही सच्चाई ब्यां कर रहे हैं। हमारी ओर से हरियाणा के स्वास्थ्य महानिदेशक के कार्यालय का भ्रमण किया गया तो वहां जो सच्चाई दिखाई दी, उससे कईं प्रकार के सवाल खड़े हो रहे हैं।
पंचकूला (चंद्रशेखर धरणी): एक ओर हरियाणा सरकार और उसके प्रतिनिधि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को पूरे देश में सबसे बेहतर होने का दावा करती नहीं थकती। वहीं, हरियाणा के स्वास्थ्य महानिदेशक के कार्यालय के हालात कुछ और ही सच्चाई ब्यां कर रहे हैं। हमारी ओर से हरियाणा के स्वास्थ्य महानिदेशक के कार्यालय का भ्रमण किया गया तो वहां जो सच्चाई दिखाई दी, उससे कईं प्रकार के सवाल खड़े हो रहे हैं।
स्वास्थ्य महानिदेशक कार्यालय के प्रवेश द्वार पर गंदगी का आलम था। इतना ही नहीं बिल्डिंग के कईं हिस्सों पर काई जमी हुई थी, मानों वर्षों से वहां कोई सफाई और रंगाई का काम ही नहीं हुआ हो। इतना ही नहीं कार्यालय की कैंटीन के साथ बनी पार्किंग भी गैराज बनी नजर आई। यहां कई खराब एंबुलेंस खड़ी नजर आई। इनमें कुछ के तो टायर ही गायब थे, जिन्हें ईंटों के सहारे टिकाकर खड़ा किया गया था। मरीज को समय पर इलाज दिलाने के लिए लाखों रुपए की लागत से खरीदी गई यह एंबुलेंस एक सफेद हाथी साबित हो रही है।
चंडीगढ़ और हिमाचल से सटा होने के कारण इन प्रदेशों से भी भारी संख्या में मरीज इलाज के लिए पंचकूला आते हैं। हालांकि प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लगातार स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते रहते हैं। उनकी पहली प्राथमिकता रहती है कि प्रदेश के लोगों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं में किसी प्रकार की कोई कमी ना हो। ऐसे में इस प्रकार की लापरवाही कैसे हुई और इसके पीछे क्या कारण रहे, इसकी जांच करवाकर उस पर कार्रवाई की जरूरत है, जिससे भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही बरतने वालों को सबक मिल सके।
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