मर्डर केस में पंचकूला कोर्ट ने आरोपी मुकुल को किया बरी, 19 गवाहों के साथ दायर की चालान/चार्जशीट

Edited By Manisha rana, Updated: 29 Feb, 2024 05:55 PM

panchkula court acquitted accused mukul in murder case

एक मामला राम चरण (मृतक प्रीति के पिता) द्वारा दायर शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था कि उनकी बेटी सेक्टर -16 पंचकुला में एक घर में घरेलू नौकरानी के रूप में काम करती है और 27.05.2020 (लॉकडाउन के दौरान) को वह मृत पाई गई थी

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): एक मामला राम चरण (मृतक प्रीति के पिता) द्वारा दायर शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था कि उनकी बेटी सेक्टर -16 पंचकुला में एक घर में घरेलू नौकरानी के रूप में काम करती है और 27.05.2020 (लॉकडाउन के दौरान) को वह मृत पाई गई थी मकान नं के पिछवाड़े आँगन में 98 सेक्टर 16 पंचकुला। इसके बाद पुलिस ने आवश्यक जांच कार्यवाही और अन्य औपचारिकताएं पूरी कीं। बाद में 29.05.2020 को मुकुल पुत्र श्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। कमलेश पर आईपीसी की धारा 302,449,201 के तहत एफआईआर नं. 143 दिनांक 29.05.2020 पुलिस स्टेशन - सेक्टर -14, पंचकुला। इसके बाद आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और बाद में उसे न्यायिक हिरासत में सेंट्रल जेल, अंबाला भेज दिया गया।

पुलिस ने बाद में वर्तमान मामले में कुल 19 गवाहों के साथ चालान/चार्जशीट दायर की, जिनसे मुकदमे के दौरान पूछताछ की गई थी।

समीर सेठी, यवनीत ढाकला, दीपांशु बंसल, अधिवक्ता ने वर्तमान मामले में आरोपी मुकुल का प्रतिनिधित्व किया, जिन्होंने वर्तमान मामले में गवाहों से जिरह की और अभियोजन पक्ष द्वारा कुल मिलाकर सभी 19 गवाहों से जिरह की गई। आरोपी पक्ष की ओर से कहा गया कि प्रकटीकरण बयान और रिकवरी मेमो को दर्ज करने में अनियमितता थी और पुलिस अभियोजन ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत परिकल्पित उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया है।

इसके अलावा मौजूदा मामले की एफआईआर दर्ज करने में भी देरी हुई

चूंकि मृतक प्रीति की मृत्यु 27.05.2020 को हुई थी और एफआईआर 29.05.2020 को दर्ज की गई थी, यानी कथित घटना के 2 दिन बाद, जो अभियोजन के मामले में संदेह पैदा करता है और यह कानून का तय नियम है कि ठोस सबूत के बिना केवल संदेह को आधार नहीं बनाया जा सकता है। किसी आरोपी को दोषी ठहराने का।

अभियोजन पक्ष के संस्करण के अनुसार आरोपी मुकुल की मृतक प्रीति की मां और उसके दोस्त कृष्ण कुमार यादव के साथ टेलीफोन पर बातचीत हुई थी, जिसे मुकुल ने उसी दिन यानी 27.05.2020 को फोन किया था कि उसने उसकी हत्या कर दी है, लेकिन इसके बावजूद दोनों व्यक्तियों ने उसी दिन कोई शिकायत दर्ज नहीं की या किसी पर अपनी बेटी की हत्या का संदेह भी नहीं जताया। इसके अलावा वर्तमान मामले के जांच अधिकारी ने दूसरे मित्र कृष्ण कुमार यादव के केवल एक फोन नंबर का ही लोकेशन एकत्र किया है।उसने दूसरे फोन नंबर की लोकेशन क्यों नहीं जुटाई, यह वही जानता है?

आरोपी पक्ष के वकीलो द्वारा दिए गए तर्क पर विचार करने के बाद माननीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री प्रवीण कुमार लाल पंचकुला की अदालत ने मुकुल को वर्तमान मामले में निर्दोष पाते हुए बरी कर दिया है।इस फैसले का आरोपी पक्ष के वकीलों ने स्वागत करते हुए कहा कि उनके द्वारा माननीय न्यायलय को सभी तथ्यों से अवगत करवाया गया जिसके चलते माननीय न्यायलय निष्कर्ष पर पहुंचा और आरोपी की बरी किया।इसके साथ ही बताया कि बतौर वकील यह उनका कर्तव्य होता है कि वह माननीय न्यायलय को सभी तथ्यों से अवगत करवाएं और कोर्ट को फैसला करने के लिए एसिस्ट करे।

 

 

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