Edited By Isha, Updated: 28 Apr, 2024 11:52 AM
पूर्व डिप्टी सी एम चंद्र मोहन ने कहा की भजपा द्वारा अनिल विज जैसे सीनियर व्यक्ति की अनदेखी का भजपा को नुकसान होगा | सीनियर लोग किसी भी पार्टी के लिए राजनैतिक पथ प्रदर्शक होते हैं|
चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी ): पूर्व डिप्टी सी एम चंद्र मोहन ने कहा की भजपा द्वारा अनिल विज जैसे सीनियर व्यक्ति की अनदेखी का भजपा को नुकसान होगा | सीनियर लोग किसी भी पार्टी के लिए राजनैतिक पथ प्रदर्शक होते हैं|
उन्होंने कहा की भजनलाल जैसा जन हितेषी राज किसी अन्य ने नहीं किया | भजनलाल को हर व्यक्ति के दुःख सुख में अपना दुःख सुख नजर आता था | उन्होंने दावा किया की हरियाणा में कांग्रेस मजबूत स्थिति में है तथा लोकसभा की दस की दस सीटें व् विधानसभा में 70 प्लस सीटें जीतकर सरकार बनाएगी |
उन्होंने कहा की हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में कोई भी किसी प्रकार की फूट नहीं है | सबके नेता राहुल गांधी व् प्रियंका गांधी हैं | कई बार पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सोच समझ मूल्यांकन कर किसी भी व्यक्ति की कहीं भी ड्यूटी लगा देता है | श्रुति चौधरी व् बिजेंद्र सिंह को टिकट न देने के सवाल पर चंद्र मोहन ने कहा की हो सकता है कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने आगामी विधान सभा चुनावों के मध्य नजर इनके लिए कुछ और बेहतर सोच रखा हो |
चंद्र मोहन ने कहा की हरियाणा के युवकों को रोजगार नहीं मिल रहा ,दूसरे प्रांतों के बच्चे सरकारी नौकरियों में भर्ती हो रहे हैं | हरियाणा के युवा वर्ग में निराशा का जो माहौल है, वह भाजपा के लिए चिंताजनक व् कांग्रेस के लिए लाभप्रद है |
उन्होंने कहा की प्रदेश में बुजुर्ग और विधवा पेंशन धारकों को काफी परेशानी हो रही है, इंडियन बैंक द्वारा आईएफएससी कोड में बदलाव करने से बुढ़ापा और विधवा पेंशन प्रक्रिया में अनावश्यक देरी हो रही है। ऐसे में इन पेंशन धारकों को पेंशन प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है, ऐसे हालात में उनकी जीवनयापन पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। बुढ़ापा और विधवाएं इस तकनीकी समस्या के कारण अपनी जरूरतों के लिए धन प्राप्त करने में असमर्थ है।
उन्होंने कहा है कि इस समस्या के तत्काल समाधान के लिए एक स्थायी प्रक्रिया स्थापित करने के लिए उचित कदम उठाया जाए।मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल किसानों के लिए जी का जंजाल बन गया है, पिछले 15 दिनों ने 10902 शिकायतें लंबित है, बिना सत्यापन के किसान मंडी में गेहूं की फसल तक नहीं बेच पा रहे है। सरकार को किसान हितैषी होने का दावा करने के बजाए उनके हितों की रक्षा करते हुए उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए।