Edited By Deepak Kumar, Updated: 21 Dec, 2024 10:13 AM
ओपी चौटाला ने 1968 में उनकी सियासत में एंट्री हुई थी। चौटाला हरियाणा में धोती-कुर्ता पहनने वाले आखिरी CM थे। गहरे हरे रंग की तुर्रा वाली पगड़ी चौटाला की पहचान थी। टीचर घोटाले में ओपी चौटाला के जेल जाने के बाद उनके परिवार में फूट पड़ गई।
डेस्कः 20 दिसंबर को हरियाणा के पूर्व CM ओम प्रकाश चौटाला का निधन हो गया। आज उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए सुबह 8 से 2 बजे तक सिरसा स्थित तेजा खेड़ा फार्म पर रखा जाएगा। दोपहर 3 बजे उनको मुखाग्नि दी जाएगी। अंतिम संस्कार में प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी शामिल होंगे।
बता दें ओपी चौटाला ने 1968 में उनकी सियासत में एंट्री हुई थी। चौटाला हरियाणा में धोती-कुर्ता पहनने वाले आखिरी CM थे। गहरे हरे रंग की तुर्रा वाली पगड़ी चौटाला की पहचान थी। हर कार्यक्रम में वह यही पगड़ी पहनकर जाते थे। उनके बाद जो भी सीएम बने, चाहे भूपेंद्र हुड्डा, मनोहर लाल खट्टर हो या फिर नायब सैनी, लेकिन उन्होंने कभी सार्वजनिक कार्यक्रम में धोती और पगड़ी नहीं पहनी।
टीचर घोटाले में ओपी चौटाला के जेल जाने के बाद उनके परिवार में फूट पड़ गई। एक तरफ छोटे बेटे ने इनेलो की कमान संभाल ली। वहीं, पिता संग जेल गए अजय चौटाला ने विदेश में पढ़ रहे बेटों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को वापस बुला लिया। इसके बाद अभय और उनके भतीजों में इनेलो को लेकर खींचतान शुरू हो गई। ओपी चौटाला जब 2018 में पैरोल पर बाहर आए तो 7 अक्टूबर को गोहाना रैली में दुष्यंत को सीएम बनाने के नारे लगे। जिससे ओपी खफा हो गए।
इसके बाद इनेलो से बड़े बेटे अजय और उनके दोनों बेटों को निकाल दिया गया। जिन्होंने जननायक जनता पार्टी बना ली। हालांकि इस फूट के बाद इनेलो कभी सत्ता में नहीं आ पाई। जजपा जरूर 2019–24 में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार में रही। हालांकि 2024 के विधानसभा चुनाव में जजपा एक भी सीट नहीं जीत पाई। इनेलो ने 2 सीटें जीतीं लेकिन अभय चौटाला चुनाव हार गए।
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