Edited By Vivek Rai, Updated: 29 Apr, 2022 06:50 PM
सरकार भले ही बेहतरीन शिक्षा देने का दावा करती है। लेकिन अब सरकारी अध्यापकों ने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है औऱ स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की मांग की है।
रोहतक(दीपक): सरकार भले ही बेहतरीन शिक्षा देने का दावा करती है। लेकिन अब सरकारी अध्यापकों ने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है औऱ स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की मांग की है।दरअसल, सरकारी स्कूलों के अध्यापक सड़क पर उतरे और ऐलान किया कि सरकारी स्कूलों में आ रही समस्याओं को अगर जल्द ठीक नहीं किया गया, तो प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएग औऱ मुख्यमंत्री आवास का घेराव भी होगा।
प्रदर्शन कर रहे सरकारी अध्यापकों ने आरोप लगाया कि सरकार सरकारी स्कूलों की बजाए प्राइवेट स्कूलों को ज्यादा तवज्जो दे रही है। जिसके चलते आज उन्हें सड़क पर उतरना पड़ा है। प्रदर्शनकारी शिक्षक सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिला मुख्यालय पहुंचे और जहां पर अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा।
जिला प्रधान रामराज कादयान का कहना है कि सरकार सरकारी स्कूलों में तो फीस लागू कर रही है,जबकि प्राइवेट स्कूलों में रियायतें दी जा रही है। यही नहीं कई सरकारी स्कूलों में तो अध्यापकों की नियुक्ति ही नहीं हो रही है, जिसकी वजह से बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक सरकारी स्कूलों में किताबें भी नहीं पहुंची है। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कैसे हो पाएगा।
रामराज कादयान ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्दी सरकारी स्कूलों में आ रही समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो वे प्रदेश स्तर पर एक बड़ा आंदोलन करेंगे और मुख्यमंत्री के आवास के घेराव का फैसला भी लिया जा सकता है।
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