Edited By Isha, Updated: 22 Apr, 2025 11:18 AM

अगर आप भी यात्रा करने के शौकीन है और टोल टैक्स में लगी लम्बी लाइनों से परेशान हो जातो हैं, तो अब लागू हो रहा ये नया सिस्टम आपका सफर आसान कर देगा। दरअसल GNSS यानी Global Navigation Satellit
हरियाणा डेस्क: अगर आप भी यात्रा करने के शौकीन है और टोल टैक्स में लगी लम्बी लाइनों से परेशान हो जातो हैं, तो अब लागू हो रहा ये नया सिस्टम आपका सफर आसान कर देगा। दरअसल GNSS यानी Global Navigation Satellite System एक ऐसा तकनीकी सिस्टम है जो सैटेलाइट्स की मदद से यह ट्रैक करेगा कि आपकी गाड़ी ने नेशनल हाईवे पर कितनी दूरी तय की। उसी आधार पर टोल की रकम तय होगी यानी अब जितनी दूरी, उतना Toll Tax देना होगा।1 मई 2025 से देशभर में इसे लागू किया जा रहा है। पहले कुछ हाईवे पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगा। फिर इसे धीरे-धीरे पूरे देश में फैलाया जाएगा।
ऐसे करेगा काम
गाड़ी में ऑन-बोर्ड यूनिट (OBU) या डिवाइस लगेगी। यह एक GPS ट्रैकर जैसा डिवाइस होगा जिसे आपकी गाड़ी में फिट किया जाएगा। सैटेलाइट के ज़रिए आपकी गाड़ी की मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी। आप जितनी दूरी हाईवे पर तय करेंगे, उतनी ही राशि आपके डिजिटल वॉलेट या अकाउंट से कटेगी। कोई फ्लैट चार्ज नहीं, सिर्फ आपको रूट का भुगतान करना होगा। जैसे ही यात्रा पूरी होती है, टोल अपने-आप कट जाएगा। यह सिस्टम प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों विकल्पों को सपोर्ट करेगा। FASTag को धीरे-धीरे हटाया जाएगा। शुरुआती चरण में GNSS और FASTag दोनों साथ चल सकते हैं, लेकिन आगे चलकर सिर्फ GNSS प्रणाली ही काम करेगी।
इस प्रणाली से समय की बचत होगी व टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा। सिर्फ जितनी दूरी चले उतना ही टोल देना होगा। इससे जाम से राहत मिलेगी व टोल बूथ पर लाइन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।