Edited By Manisha rana, Updated: 23 Sep, 2024 07:41 AM
नागरिक अस्पताल रतिया में अब संस्थागत प्रसव के बाद प्रसूता महिलाओं को अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र साथ दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डा. मनीष बांसल के आदेश पर रतिया के नागरिक अस्पताल में अस्पताल के इंचार्ज...
रतिया : नागरिक अस्पताल रतिया में अब संस्थागत प्रसव के बाद प्रसूता महिलाओं को अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र साथ दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डा. मनीष बांसल के आदेश पर रतिया के नागरिक अस्पताल में अस्पताल के इंचार्ज डॉ.अमित सैनी के नेतृत्व में इस नई पहल को शुरूआत करते हुए जननी को डिस्चार्ज होने से पहले नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र थमाया गया।
अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार हालांकि पहले शिशु का नि:शुल्क जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अभिभावकों के पास 21 दिन का समय होता है और इन 21 दिनों में कभी भी अभिभावक अस्पताल आकर अपने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं, पर अब जन्म के साथ ही शिशु का जन्म प्रमाण पत्र मिलने पर अभिभावकों को अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
अस्पताल के मुख्य चिकित्सक डॉ. सज्जन सिंह ने बताया कि नागरिक अस्पताल में अगर नॉर्मल डिलीवरी होती है तो मां को दो दिन तक चिकित्सक की निगरानी में रखा जाता है, इसी तरह सिजेरियन ऑप्रेशन होने पर मां को सात दिन तक चिकित्सक की निगरानी में रखा जाता है। इस दौरान जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रतिदिन 100 रुपए की डाइट भी उपलब्ध करवाई जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि प्रसव के बाद महिला को किसी तरह का कोई संक्रमण नहीं हो। इस दौरान नवजात शिशु के परिजनों के पास उसका जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 21 दिन का समय होता है, पर अधिकतर अभिभावक ऐसा नहीं करते और वह डिस्चार्ज करवा कर घर चले जाते हैं। इसके बाद फिर उन्हें जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए फिर से अस्पताल आना पड़ता है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य महानिदेशक के आदेशों पर ही रतिया के नागरिक अस्पताल में इस नई पहल को विधिवत से शुरू कर दिया गया है।
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