Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 19 Dec, 2025 11:10 PM

गुड़गांव को पेयजल आपूर्ति करने वाली धनकोट नहर की इन दिनों सफाई का कार्य चल रहा है। धनकोट नहर में जमी कीचड़ को जब निकाला जा रहा था तो इस दौरान कीचड़ में रुपए निकलने लगे। इसी दौरान इन रुपयों को इक्ट्ठा करने के लिए भी लोग एकत्र हो गए। देखते ही देखते...
गुड़गांव, (ब्यूरो): गुड़गांव को पेयजल आपूर्ति करने वाली धनकोट नहर की इन दिनों सफाई का कार्य चल रहा है। धनकोट नहर में जमी कीचड़ को जब निकाला जा रहा था तो इस दौरान कीचड़ में रुपए निकलने लगे। इसी दौरान इन रुपयों को इक्ट्ठा करने के लिए भी लोग एकत्र हो गए। देखते ही देखते यहां लोगों का हुजूम जुटने लगा।
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दरअसल धनकोट नहर की सफाई के दौरान कीचड़ में फंसे एक, दो, पांच व 10 के सिक्के निकल रहे हैं। यह वह रुपए हैं जो लोगों ने अपनी धार्मिक आस्था के तहत धनकोट नहर में डाले थे और यह उस वक्त यहां मौजूद रहने वाले तैराकों के हाथ नहीं लगे और नहर की तली तक पहुंच गए और कीचड़ में बैठ गए। अब जब नहर की सफाई का कार्य चल रहा है और नहर में जमी कीचड़ को निकाला जा रहा है तो इस कीचड़ में यह रुपए भी बाहर निकलने लगे हैं। ऐसे में नहर से रुपए निकालने और लोगों द्वारा अन्य पूजन सामग्री डालने के साथ ही इसे बाहर निकालने वाले तैराक इन रुपयों को उठाने के लिए आगे आ गए। जैसे ही जेसीबी और पोकलेंड मशीन के जरिए कीचड़ नहर किनारे डाली जाती है तो यह लोग इसमें रुपए ढूंढने के लिए आ जाते हैं और कीचड़ में फंसे रुपए निकाल लेते हैं। यह नजारा हर साल नहर की सफाई के दौरान देखने को मिल जाता है।
आपको बता दें कि लोगों द्वारा घर अथवा मंदिर सहित अन्य स्थानों पर आयोजित होने वाले धार्मिक आयोजनों के बाद जो पूजन सामग्री बच जाती है अथवा पूजन के बाद सामग्री व फूल मालाएं बहते पानी में प्रवाहित करने का प्रचलन है। जब लोग इसे धनकोट नहर के बहते पानी में प्रवाहित करने आते हैं तो उस दौरान इस सामग्री के साथ-साथ लोग इसमें रुपए भी डाल देते हैं। यह रुपए उस वक्त नहर किनारे मौजूद तैराक निकाल लेते हैं। ज्यादातर समय में यह रुपए उसी वक्त निकाल लिए जाते हैं, लेकिन जो रुपए हाथ नहीं आते वह रुपए नहर की सफाई के दौरान यह लोग निकाल लेते हैं।