Edited By Manisha rana, Updated: 23 Sep, 2024 08:22 AM
कालांवाली में इन दिनों मैडीकल नशा सब्जियों यानि आलू गोभी की तरह बिक रहा है क्योंकि आम एक कहावत है कि कोई चीज खरीदनी होती है तो सुनने में आता है कि क्या आलू गोभी है जो जाते-जाते खरीद लोगे, कालांवाली में सुबह अलब्ता से मैडीकल नशा आलू गोभी की भांति शहर...
कालांवाली : कालांवाली में इन दिनों मैडीकल नशा सब्जियों यानि आलू गोभी की तरह बिक रहा है क्योंकि आम एक कहावत है कि कोई चीज खरीदनी होती है तो सुनने में आता है कि क्या आलू गोभी है जो जाते-जाते खरीद लोगे, कालांवाली में सुबह अलब्ता से मैडीकल नशा आलू गोभी की भांति शहर के मुख्य फाटक से रेलवे स्टेशन के सामने गुरुद्वारा साहिब तक खरीदा जा सकता है। सुबह से ही लंबी-लंबी लाइनें लग जाती है ओर नशा का कारोबार शुरू हो जाता है।
एक अनुमान के मुताबिक नशा बेचने वाले लोगों की संख्या एक दर्जन के करीब होती है तो खरीदने वाले भी सैंकड़ों की संख्या में होती है। सुबह-सुबह ऐसे लगता है कि जैसे किसी राजनीतिक दल की रैली के लिए लोगों की भीड़ इकत्रित हो रही है। हालांकि ऐसा नहीं हो सकता कि किसी को मालूम न हो कि कौन लोग है ओर क्या कर रहे है क्योंकि सुबह से सांय तक उक्त कार्य चलता है। कुछक लोग डर के मारे शिकायत तक नहीं करते है अगर शिकायत करते भी तो कोई कार्रवाई नहीं होती है। नशा बेचने लोगों के हौंसले दिन प्रतिदिन बढ़ रहे है।
सूत्रों से पता चला है कि नशा बेचने वाले ओर नशा करने वाले लोगों को पुलिस नहीं पकड़ सकती है क्योंकि पुलिस की मजबूरी है। नशा के रूप प्रयोग होने वाली गोलियां ओर कैप्शूल दर्द की दवाइयां है ओर वे एन.डी.पी.एक्स. एक्ट में नहीं आती है। पुलिस उनके ऊपर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकती है। ड्रग विभाग के मुताबिक उक्त गोलियां ओर कैप्शूल दर्द की दवाइयां है उन्हें रूटीन में बेचा जा सकता है।
युवा व बच्चे सब चपेट में
अब चुनाव के दिन है ओर हर कोइ राजनीतिक दल नशा को बंद करने की बात करेगा लेकिन जैसे ही चुनाव चले जाएंगे तो कौनसा नशा। नशा करने ओर बेचने की चपेट में छोटे-छोटे बच्चे ओर युवा चपेट में आ रहे है। युवा ओर बच्चों को ज्ञान कम होता है ओर वह शौंक-शौंक में नशा के आदि हो जाते है ओर फिर नशा जान तक ले लेता है। कालांवाली में बहुत से युवा नशा के कारण अपनी जान गवां चुके है।
झोलाछाप बेच रहे है नशा
कालांवाली में बिना मैडीकल स्टोरों के झोलाछाप लोग नशा बेचने का काम कर रहे है। नशा बेचने के लिए छोटे-छोटे बच्चों को दिहाड़ी पर रखा हुआ है। उक्त बात की पुष्टि कालांवाली निवासी सुभाष कुमार ने की है।
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