संयुक्त ट्रांसमिशन लाइन परियोजना के समझौते के लिए नेपाल पहुंचे ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 22 Apr, 2025 07:08 PM

manohar lal reached nepal for agreement on joint transmission line

केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान भारत एवं नेपाल की अति महत्वपूर्ण ऊर्जा परियोजनाओं को लेकर नेपाल के दौरे पर हैं। मंगलवार को उन्होंने नेपाल के ऊर्जा मंत्री दीपक खडक़ा के साथ सखुवासभा जिले में अरुण-3...

चंडीगढ़: (संजय अरोड़ा) : केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान भारत एवं नेपाल की अति महत्वपूर्ण ऊर्जा परियोजनाओं को लेकर नेपाल के दौरे पर हैं। मंगलवार को उन्होंने नेपाल के ऊर्जा मंत्री दीपक खडक़ा के साथ सखुवासभा जिले में अरुण-3 जलविद्युत परियोजना के बिजलीघर और बांध क्षेत्र का दौरा करने के अलावा संयुक्त ट्रांसमिशन लाइन परियोजना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर लगातार अपने विभागों ऊर्जा एवं शहरी विकास को लेकर नई-नई योजनाएं लागू कर रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को वे अपने दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत नेपाल पहुंचे। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए लिखा कि ‘बाबा पशुपतिनाथ की पावन धरा नेपाल के दो दिवसीय प्रवास पर आज काठमांडू आगमन हुआ, जहां भारत-नेपाल के प्रमुख ऊर्जा संबंधी विषयों पर विस्तृत चर्चा कर पारस्परिक सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘पड़ौसी प्रथम’ की नीति के अनुरूप भारत सरकार नेपाल के साथ हर स्तर पर सहयोग को सदैव ही प्रोत्साहित करती रही है। इस अवसर पर नेपाल के ऊर्जा मंत्री दीपक खडक़ा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।’ 

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नेपाल के ऊर्जा मंत्री ने किया केंद्रीय मंत्री खट्टर का स्वागत

इसी तरह से नेपाल के ऊर्जा व सिंचाई मंत्री दीपक खडक़ा ने भारत के केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात के बाद फेसबुक पर लिखा कि ‘मैं भारत के ऊर्जा, आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल का नेपाल में हार्दिक स्वागत करता हूं। ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में नेपाल-भारत सांझेदारी ने उल्लेखनीय प्रगति की है और सांझेदारी यात्रा जलविद्युत, जल अर्थव्यवस्था, ऊर्जा सुरक्षा और लचीलेपन को आगे बढ़ाने की नई उम्मीद लेकर आई है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि उनकी यात्रा हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करेगी। 

एक अन्य पोस्ट में नेपाल के ऊर्जा मंत्री दीपक खडक़ा ने लिखा कि ‘भारत के ऊर्जा, आवास और शहरी मामलों के मंत्री माननीय मनोहर लाल खट्टर के साथ यह एक बेहद सकारात्मक और व्यवहारिक बैठक थी। हम मकालू ग्रामीण नगर पालिका, संखुवासभा में अरुण-3 जलविद्युत परियोजना के बिजलीघर और बांध क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। प्रभावशाली गति से विकसित की जा रही अरुण-3 परियोजना नेपाल की ऊर्जा आपूर्ति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। यदि वर्तमान गति जारी रहती है, तो यह जल्द ही चालू हो जाएगी। इस मौके पर दोनों मंत्रियों ने इस विद्युत परियेजना का अवलोकन किया और यहां पहुंचने पर नेपाल के स्थानीय लोगों ने मंत्रियों का परंपरागत तरीके से स्वागत किया।

नेपाल के ऊर्जा मंत्री खडक़ा ने पिछले साल किया था भारत का दौरा

गौरतलब है कि पिछले साल 6 व 7 नवंबर को नेपाल के ऊर्जा मंत्री दीपक खडक़ा भारत आए थे। अपनी इस यात्रा को खडक़ा ने महत्वपूर्ण और उपयोगी बताया। खडक़ा ने भारत के ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर और जल संसाधन मंत्री सी.आर. पाटिल से मुलाकात की और ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी। तब दोनों पक्षों ने पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना और अरुण तृतीय जलविद्युत परियोजना सहित अन्य कार्यों में तेजी लाने पर सहमति व्यक्त की। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार पंचेश्वर परियोजना को आगे बढ़ाने पर सहमत हो गई है तथा नेपाली पक्ष एक भारतीय कंपनी द्वारा विकसित की जा रही अरुण तृतीय परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण से संबंधित कार्यों में तेजी लाने पर सहमत हो गया है। इससे पहले नेपाल और भारत एक विद्युत व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर चुके हैं, जिसके तहत काठमांडू अगले 10 वर्षों में भारत को 10,000 मैगावाट जलविद्युत निर्यात करेगा।  

इस समझौते से नेपाल को उम्मीद है कि आर्थिक कमी से जूझ रहे हिमालयी देश में निवेश आकर्षित होगा। गौरतलब है कि हिमालय से निकलने वाली नेपाल की नदियों में लगभग 42,000 मैगावाट बिजली पैदा करने की क्षमता है, लेकिन तकनीकी जानकारी और धन की कमी के कारण चीन और भारत के बीच स्थित यह देश अभी 3,000 मैगावाट से भी कम बिजली पैदा कर पाता है। भारत जिसका नेपाल के साथ अल्पकालिक विद्युत व्यापार समझौता है, जलविद्युत संयंत्रों सहित बुनियादी ढांचे में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है, क्योंकि भारत अपने छोटे पड़ौसियों के बीच अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है, जहां चीन भी तेजी से सक्रिय हो रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने पिछले वर्ष दीर्घकालिक विद्युत व्यापार समझौते पर सहमति व्यक्त की थी, जिसके बारे में अधिकारियों ने कहा कि यह नेपाल के जलविद्युत क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए महत्वपूर्ण होगा।
 

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