Lok Sabha Elections 2024: चुनाव घोषणा के साथ ही 10 पर ‘दम’ दिखाने के लिए ‘रणनीति’ बनाने में जुटे दिग्गज!

Edited By Manisha rana, Updated: 21 Mar, 2024 09:55 AM

lok sabha elections 2024

लोकसभा चुनावों की तिथियों का शंखनाद होते ही अब समूचे प्रदेश में सियासी पारा ऊपर चढ़ता दिखाई देने लगा है। हालांकि भाजपा की ओर से कुल 10 लोकसभा सीटों में से 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं तो वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से भी कुरुक्षेत्र सीट...

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : लोकसभा चुनावों की तिथियों का शंखनाद होते ही अब समूचे प्रदेश में सियासी पारा ऊपर चढ़ता दिखाई देने लगा है। हालांकि भाजपा की ओर से कुल 10 लोकसभा सीटों में से 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं तो वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से भी कुरुक्षेत्र सीट से आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डा. सुशील गुप्ता व इनेलो की ओर से अभय सिंह चौटाला मैदान में आ चुके हैं और इन सभी प्रत्याशियों ने चुनावी प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया है। 

इसके अलावा माना जा रहा है कि कुछ ही दिनों के अंतराल में जहां सभी राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए जाएंगे तो वहीं साल 2024 के लोकसभा चुनावों को पार पाने के लिए भी हर पार्टी द्वारा फूंक-फूंक कर एक विशेष रणनीति के तहत समूल प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। अहम बात ये है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में 10 की 10 सीटों पर विजयी पताका लहराया था और कमोबेश इस बार पार्टी ने पूरे देश में 400 पार का नारा गढ़ते हुए हरियाणा में पुन: उसी इतिहास को दोहराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों की बात करें तो उस वक्त हरियाणा में कुल 70.34 प्रतिशत मतदान हुआ था जो 2014 के संसदीय चुनावों की तुलना में 1.11 प्रतिशत कम था। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने क्लीन स्वीप करते हुए सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में करनाल सीट ऐसी थी जहां से भाजपा के उम्मीदवार संजय भाटिया ने पूरे प्रदेश में जीत का रिकॉर्ड बनाया था तो देश में सबसे बड़ी जीत के रूप में उनका दूसरा स्थान रहा था। संजय भाटिया ने 6 लाख 56 हजार 142 वोटों के अंतर से कांग्रेस के कुलदीप शर्मा को हराकर शानदार जीत हासिल की थी, जबकि इन्हीं 10 में से रोहतक एक ऐसी सीट थी जहां भाजपा प्रत्याशी डा. अरविंद शर्मा ने कड़े मुकाबले के बीच महज 7 हजार 503 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी दीपेंद्र हुड्डा को हराकर जीत दर्ज की थी। इसके अलावा इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 58.2 प्रतिशत मत हासिल किए जबकि कांग्रेस को 28.42 प्रतिशत वोट पड़े। इसी प्रकार जजपा को 4.9 प्रतिशत तो इनेलो की झोली में 1.89 प्रतिशत मत आए। मसलन पूरे हरियाणा में भाजपा को 73 लाख 57 हजार 347, कांग्रेस को 36 लाख 4 हजार 106, जजपा को 6 लाख 19 हजार 970 और इनैलो को 2 लाख 40 हजार 258 वोट मिले। वर्ष 2019 में हासिल हुई जीत को लेकर जहां इस बार पुन: भाजपा 10 पर वहीं ‘दम’ दिखाने की दिशा में रणनीति का आधार बना रही है तो वहीं कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दल भी चुनावी नैय्या को पार लगाने के लिए उम्मीदवारों के रूप में खास ‘वैतरणी’ पर फोकस किए हुए है और उम्मीदवारों के चयन को लेकर सभी दलों में मंथन का दौर जारी है। ऐसे में अब देखना ये है कि साल 2024 के इस लोकसभा चुनावों में इन 10 सीटों पर किसका दम ज्यादा असरकार साबित होता है।

जजपा -आप गठबंधन की 9 व कांग्रेस की 1 सीट पर हुई थी जमानत जब्त

साल 2019 के लोकसभा चुनावों की बात करें तो उस चुनाव में कांग्रेस व इनैलो ने सभी 10 सीटों पर अपने अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे थे जबकि जजपा ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था। जजपा ने 7 जबकि आप ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जजपा की ओर से दुष्यंत चौटाला हिसार सीट से उम्मीदवार थे और हिसार सीट को छोडक़र शेष सभी 9 सीटों पर जजपा-आप गठबंधन उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई थी। फरीदाबाद, अंबाला  व करनाल संसदीय सीट से आप के उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा जबकि शेष 7 सीटों पर जजपा के उम्मीदवार थे। इसी प्रकार कांग्रेस ने सभी 10 सीटों पर न केवल चुनाव लड़ा था बल्कि अपने सभी हैवीवेट नेताओं को मैदान में उतारा था जिनमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा, कुमारी सैलजा, कुलदीप शर्मा, निर्मल सिंह, भव्य बिश्नोई, श्रुति चौधरी, कैप्टन अजय सिंह यादव, अशोक तंवर व अवतार सिंह भडाना शामिल थे।  इनमें से हिसार को छोडक़र शेष सभी 9 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे और सभी सीटों पर कांग्रेस व भाजपा का ही सीधा मुकबाला रहा। इसके अलावा इनैलो उम्मीदवार भी सभी 10 सीटों पर उतरे और किसी सीट पर भी पार्टी के उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए। 

हरियाणा में 120 साल के हैं 41 मतदाता

बेशक 25 मई को होने वाले मतदान को लेकर सभी पार्टियों द्वारा चुनावी प्रचार अभियान तेज कर दिया गया है और आने वाले दिनों में मंचों पर एक-दूसरे पर ठीकरा फोडऩे और अपने अपने पक्ष में मतदाताओं को लुभाने का प्रयास भी किया जाएगा मगर सही फैसला प्रदेश के मतदाताओं ने ही सुनाना है। इस बार हरियाणा में कुल 1 करोड़ 99 लाख 38247 वोट हंै जो 25 मई को अपना जनादेश देंगे। जबकि 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रदेश में मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 80 लाख 57 हजार 10 थी। इस बार प्रदेश में 10 संसदीय सीटों के लिए कुल 19812 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, इनमें 6224 शहरी व 13 हजार 588 ग्रामीण क्षेत्रों के मतदान केंद्र शामिल हैं। हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी अनुराग अग्रवाल के अनुसार प्रदेश में इस बार 120 वर्ष से अधिक आयु के 41 मतदाता हैं जबकि 100 वर्ष से अधिक आयु के 11 हजार 28 मतदाता और 85 साल से अधिक आयु के मतदाताओं की संख्या 2 लाख 64 हजार 760 है। इसी प्रकार सर्विस मतदाताओं की संख्या 1 लाख 8 हजार 572 है। 18 से 19 वर्ग के मतदाताओं की संख्या 3 लाख 65 हजार 504 व 20 से 29 आयु वर्ग के 39 लाख 31 हजार 717 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। 

2019 के संसदीय चुनाव में ये रहे थे परिणाम

गौरतलब है कि 2014 के संसदीय चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 10 में से 7 सीटें जीतने में सफलता हासिल की थी जबकि 1 सीट पर कांग्रेस व 2 सीटों पर इनैलो उम्मीदवार विजयी हुए थे। रोहतक से कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा व हिसार और सिरसा से इनैलो के दुष्यंत चौटाला व चरणजीत सिंह रोड़ी चुनाव जीते थे। 2019 का संसदीय चुनाव आते आते भाजपा ने इन हारी हुई तीन सीटों पर खास फोकस किया और पार्टी की रणनीति न केवल कामयाब हुई बल्कि 10 में से 9 सीटें भाजपा ने बड़े मार्जिन से जीती और रोहतक ऐसी सीट रही जहां जीत का आंकड़ा 10 हजार से भी कम रहा। पिछले चुनाव में विजयी उम्मीदवारों के जीत के मार्जिन की बात करें तो करनाल से संजय भाटिया के रूप में भाजपा ने प्रदेश में रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। संजय भाटिया ने कांग्रेस के कुलदीप शर्मा को 6 लाख 56 हजार 142 वोटों के भारी अंतर से हराया। जबकि जीत का दूसरा बड़ा आंकड़ा फरीदाबाद सीट पर रहा। यहां कृष्ण पाल गुर्जर ने कांग्रेस के अवतार सिंह भडाना को 6 लाख 38 हजार 239 वोटों से हराया। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से भाजपा के धर्मबीर सिंह ने कांग्रेसी की श्रुति चौधरी को 4 लाख 44 हजार 463 वोटों के अंतर से पराजित किया। इसी प्रकार अंबाला से रत्नलाल कटारिया ने कांग्रेस की कुमारी सैलजा को 3 लाख 42 हजार 345, गुरुग्राम से भाजपा के राव इंद्रजीत सिंह ने कांग्रेस के कैप्टन अजय यादव को 3 लाख 86 हजार 256, हिसार से बृजेंद्र सिंह ने जजपा के दुष्यंत चौटाला को 3 लाख 14 हजार 68, कुरुक्षेत्र से नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस के निर्मल सिंह को 3 लाख 84 हजार 591, रोहतक से डा. अरविंद कुमार शर्मा ने कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा को 7503, सिरसा से भाजपा की सुनीता दुग्गल ने कांग्रेस के अशोक तंवर 3 लाख 9 हजार 918 वोटों से पराजित किया जबकि सोनीपत संसदीय सीट से भाजपा के रमेश चंद्र कौशिक ने कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 1 लाख 64 हजार 864 वोटों के अंतर से पराजित किया था।

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