स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने अपने पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए करते हैं कार्य: बलराज कुंडू

Edited By Shivam, Updated: 10 Dec, 2021 04:37 PM

kundu said speaker gyanchand gupta works keeping in mind dignity of his post

महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू का कहना है कि हाल ही में विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता द्वारा एक अहम फैसला विधायकों के हक में लिया गया है, क्योंकि ज्ञान चंद गुप्ता को लगातार कुछ विधायकों द्वारा शिकायतें मिल रही थी कि अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं...

चंडीगढ़ (धरणी): महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू का कहना है कि हाल ही में विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता द्वारा एक अहम फैसला विधायकों के हक में लिया गया है, क्योंकि ज्ञान चंद गुप्ता को लगातार कुछ विधायकों द्वारा शिकायतें मिल रही थी कि अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं करते। इस मामले में गुप्ता ने एक क्रांतिकारी पहल की है, जिसमें अब पूरा साल कभी भी कोई भी विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र की कोई भी वह समस्या जिस पर अधिकारी जवाब नहीं देते वह विधानसभा के माध्यम से संबंधित विभागाध्यक्ष से जवाब मांग सकेंगे और एक माह में संबंधित विभाग का सीनियर अधिकारी उसका जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध होगा। 

इस मामले में खास तौर पर विपक्ष के विधायक स्पीकर की प्रशंसा करते नजर आ रहे हैं क्योंकि अधिकारी विपक्ष के विधायक को ज्यादा तवज्जो देना ज्यादा जरूरी नहीं समझते। इस कदम पर बलराज कुंडू ने भी विधानसभा स्पीकर की कार्यशैली की तारीफ करते हुए कहा है कि वह स्पीकर के पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए अपना कार्य बेहतर तरीके से करते हैं। स्पीकर द्वारा कमेटियों में भी एसीएस इत्यादि के हाजिर होने के निर्देश से कमेटियां काफी प्रभावशाली हो गई हैं। 

उन्होंने कहा कि बहुत से विधायकों द्वारा अधिकारियों बारे शिकायतें दी गई कि वह सुनवाई नहीं करते। स्पीकर के प्रयासों से अधिकारी कार्यवाही करने को मजबूर हुआ है। विधायक जनता का प्रतिनिधि होता है और जनता की आवाज उठाना विधायक की जिम्मेदारी होती है। विधायक अगर जनमानस की समस्या की आवाज उठाता है तो उसकी आवाज सुनी जानी चाहिए। उस पर अमल होना प्रजा के हक में होता है। मैं स्पीकर की इस अच्छी पहल के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं।

किसान ने कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं बल्कि अपने बच्चों के भविष्य की लड़ाई लड़ी: बलराज कुंडू
कुंडू ने आंदोलन को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं, बल्कि देश का पेट भरने वाले अन्नदाता ने अपने बच्चों के भविष्य के लिए लड़ाई लड़ी। लेकिन सरकार ने एक साल के दौरान तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर इस आंदोलन को बदनाम करने की कोशिशेें की। उसके बावजूद किसान पूरी शिद्दत और शांतिपूर्वक- लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन पर जारी रहे और यही अहिंसावादी सोच इस आंदोलन की ताकत बनी और 1 साल तक लगातार अपनी जायज मांगों को लेकर किसान सड़कों पर बैठा रहा। नतीजतन देश के प्रधानमंत्री को किसानों से माफी मांगनी पड़ी और सरकार को झुकते हुए तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला लेना पड़ा। लेकिन एमएसपी किसान का मुख्य एजेंडा है। साथ ही इस आंदोलन के दौरान किसानों के ऊपर दर्ज हुई एफआईआर को तुरंत प्रभाव से वापस लेना चाहिए। आंदोलन के दौरान जितने किसानों की शहादत हुई उन्हें शहीद का दर्जा उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी देने का तुरंत प्रभाव से प्रबंध किया जाना चाहिए। गृह मंत्रालय के सचिव द्वारा हालांकि इन बातों पर गारंटी देते हुए सहमति पत्र किसानों को सौंपा गया है, यह किसानों की एक बहुत बड़ी जीत मैं मानता हूं।

सरकार की सहयोगी जजपा के घोटालों की आवाज को सेशन में करूंगा बुलंद: बलराज कुंडू
कुंडू ने कहा कि 17 तारीख को शुरू होने वाले विधानसभा सेशन में मैं एमएसपी के कानून की आवाज को उठाऊंगा। साथ ही आज का सबसे ज्वलनशील मुद्दा प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी है और पहले दिन से मुख्यमंत्री पर्ची-खर्ची को खत्म करने की बात कहते रहे, लेकिन आज पूरे प्रदेश का एक-एक बच्चा वाकिफ है कि किस प्रकार से नौकरियां बेचने के नाम पर लूट मचाने का काम हरियाणा प्रदेश में चल रहा है। एचपीएससी के डिप्टी चेयरमैन द्वारा दफ्तर में ही करोड़ों रुपए की रिश्वत लेना बिना ऊपर के आशीर्वाद के संभव नहीं है। दूसरी तरफ भाजपा की सहयोगी जजपा ने अपने हर विभाग में जिस प्रकार से लूट मचा रखी है चाहे फसल खरीद पर घोटाला हो, रजिस्ट्री घोटाला हो, शराब घोटाला हो, टेंडर घोटाला हो तरह-तरह के घोटाले सामने आ रहे हैं। मैं इन मुद्दों को भी विधानसभा में जोर-शोर से उठाऊंगा।

दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश का विपक्ष अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा : बलराज कुंडू
बलराज कुंडू बातचीत के दौरान केवल सरकार को ही कटघरे में खड़े करता नजर नहीं आए। उन्होंने प्रदेश में विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस पर भी कई तरह की टिप्पणियां करते हुए कहा कि यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि आज प्रदेश में विपक्ष होते हुए भी विपक्ष नाम की कोई चीज नहीं है। विपक्ष न होने की वजह से ही सरकार इस प्रकार की कार्यशैली खुलेआम कर रही है। कांग्रेस विपक्ष में है लेकिन उनकी आपसी फूट और वर्चस्व की लड़ाई में ऐसा लगता है कि कांग्रेस इस सरकार के लिए बी टीम के रूप में काम कर रही है। कांग्रेस की कार्यशैली को प्रदेश के लोग अच्छी तरह से देख चुके हैं और पहचान चुके हैं कि वह जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर रही है। अपने बच्चों को राजनीतिक वर्चस्व दिलवाने की लड़ाई में वह इतने उलझे हुए हैं कि उन्हें विपक्ष की भूमिका निभाने की ओर ध्यान ही नहीं है। साथ ही उनके पुराने कर्मकांड की वजह से वह सरकार के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं रखते। वह सरकार के खिलाफ नहीं बोल पाएंगे। लेकिन मुझे महम की जनता ने अपना प्रतिनिधि चुना है और जो दायित्व एक प्रतिनिधि का होता है वह भूमिका मैं पहले भी निभाता रहा हूं और आगे भी विधानसभा के माध्यम से जनता की समस्या को अपनी समस्या समझते हुए तहे दिल से उठाता रहूंगा।

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