Edited By Deepak Kumar, Updated: 09 Apr, 2025 01:37 PM

सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि एक ओर प्रदेश सरकार नई शिक्षा नीति का गुणगान करने में लगी हुई है जबकि दूसरी ओर सरकारी विद्यालयों की ओर सरकार कोई ध्यान ही नहीं दे रही है और निजी स्कूलों को बढ़ावा देने में लगी हुई है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों की स्थिति...
चंडीगढ़: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि एक ओर प्रदेश सरकार नई शिक्षा नीति का गुणगान करने में लगी हुई है जबकि दूसरी ओर सरकारी विद्यालयों की ओर सरकार कोई ध्यान ही नहीं दे रही है और निजी स्कूलों को बढ़ावा देने में लगी हुई है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है, प्रदेश के 37 स्कूलों में एक भी छात्र नहीं है जबकि 274 स्कूलों में बच्चों की संख्या दस से भी कम है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी शैलजा ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार न तो शिक्षकों की भर्ती कर रही है, न ही सरकारी स्कूलों की व्यवस्था सुधार के लिए कोई कदम उठा रही है। यही वजह हैै कि बच्चे मजबूर होकर स्कूल छोड़ रहे हैं। जब स्कूलों में शिक्षक और सुविधाएं ही नहीं होंगी, तो कौन रहेगा? फिर सरकार कहेगी कि स्कूल खाली हैं और उन्हें बंद कर देगी। इसका सबसे बड़ा असर गरीबों और ग्रामीण तबके के बच्चों पर पड़ेगा, जिनकी शिक्षा का एकमात्र सहारा ये सरकारी स्कूल हैं। सरकार को चाहिए कि वह खाली पड़े 15,000 से अधिक शिक्षकों के पद तुरंत भरे, स्कूलों का इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारे और बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करे। जब तक सरकारी स्कूलों का स्तर नहीं सुधरेगा, बच्चे नहीं आएंगे। और जब तक शिक्षा नहीं मिलेगी, समाज आगे नहीं बढ़ेगा।
कुमारी शैलजा ने कहा कि सरकार शिक्षा को लेकर जो भी कदम उठा रही है और शिक्षा को लेकर उसकी जो नीयत हैे उससे लग रहा हैै कि सरकार गरीब बच्चों को शिक्षा के मूल अधिकार से वंचित कर प्राइवेट स्कूलों का बढ़ावा दे रही है। अगर सरकार ने सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चचर और शिक्षा की गुणगान की ओर ध्यान दिया होता और शिक्षा इतने बुरे दौर से न गुजरती। सरकार की लापरवाही से ही प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त स्कूल धड़ल्ले से चल रहे है जिनके प्रलोभन में आकर अभिभावक फंस रहे है। सबसे अहम बात से है कि जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं है वहां पर पढाई के कोई मायने ही नहीं और जहां पर बच्चे कम है वहां सरकार स्कूल को बंद करने का बहाना बनाना शुरू कर देगी है। स्कूल में शिक्षक और गैर शिक्षकों की कमी है जिसका दंश बच्चे झेल रहे है पर सरकार सब कुछ जानकर भी मौन साधे हुए है। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि हरियाणा में एक अप्रैल से किसी भी स्कूल में शिक्षक की कमी नहीं रहेगी। पर उनके आदेश भी मात्र आदेश ही साबित हुए।
कुमारी शैलजा ने कहा कि एक ओर भाजपा सरकार देश को विश्व गुरू बनाने का दावा कर रही है तो दूसरी ओर शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछड़ रही है, जब शिक्षा की गुणवत्ता सही नहीं होंगी और बच्चों को शिक्षा नहीं मिलेगी तो देश कैसे विश्व गुरू बन पाएगा, आज देश में प्रतिभा को उचित मान सम्मान नहीं दिया जा रहा हैै और प्रतिभा पलायन कर रही है। भाजपा सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत दावा कर रही है कि शिक्षकों के प्रयासों से ही बदलाव संभव है। पर सवाल ये उठता हैै कि जब शिक्षक ही नहीं है तो देश की भावी पीढ़ी का मार्ग दर्शन कौन करेगा शिक्षा से ही देश के इतिहास, संस्कार, संस्कृति और नैतिक मूल्यों को जानने का अवसर मिलता है। सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
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