Edited By Updated: 10 May, 2017 09:29 AM
पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक्शन का असर हरियाणा में भी दिख रहा है।
चंडीगढ़:पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक्शन का असर हरियाणा में भी दिख रहा है। यू.पी. के बूचडख़ानों पर ताला लटकने के चलते हरियाणा सरकार को पशु तस्करी से तो पूर्ण राहत मिल गई लेकिन सड़कों पर गौवंश को संरक्षित करना नई मुसीबत बन गया है। इस समस्या से निपटने के लिए खट्टर सरकार एक खास योजना पर काम कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा में करीब 2 लाख आवारा व बेसहारा पशुओं को संरक्षण की जरूरत बताई गई है।
लिहाजा सरकार ने शहर से लेकर गांवों तक नंदीशाला और गौशाला बनाने की कवायद तेज कर दी है। इसका जिम्मा मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. राकेश गुप्ता को सौंपा गया है, जो कई दिनों से लगातार प्रदेशभर के उपायुक्तों को इस संबंध में दिशा-निर्देश दे रहे हैं। सभी उपायुक्तों को 31 जुलाई तक अपने-अपने जिलों को आवारा पशु मुक्त बनाने का टास्क दिया गया है। सरकार की योजना के तहत करीब 6500 गांवों में नंदीशाला और गौशाला बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें से करीब एक तिहाई गांवों में कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
2016 में बनी थी टास्क फोर्स
हरियाणा में गौ तस्करी रोकने के लिए बीते साल खट्टर सरकार ने हरियाणा पुलिस की आई.जी. भारती अरोड़ा की अगुवाई में एक टास्क फोर्स का गठन किया था। इस फोर्स में 62 राजपत्रित अधिकारियों के साथ-साथ 240 पुलिस कर्मचारियों को शामिल किया गया। इसके अलावा टास्क फोर्स में सभी जिलों से स्वयंसेवकों को भी शामिल गया, जो गौ तस्करी से जुड़ी शिकायतों के बारे में टास्क फोर्स को सूचित करते हैं। सरकार ने होमगार्ड की तर्ज पर गौ रक्षक कार्यबल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था लेकिन वह अभी तक सिरे नहीं चढ़ सका है।
UP से सटे हरियाणा के जिलों से होती थी पशु तस्करी
हरियाणा सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी राज्य से पशु तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही थी लेकिन एक महीने पहले यू.पी. में योगी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार बनने के बाद से यह पूरी तरह से बंद हो गई है। हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला ने भी इसे स्वीकार किया। उनकी मानें तो योगी के बूचडख़ाने बंद करने के फरमान के बाद से तस्करी पर पूर्ण विराम लग गया है। सबसे ज्यादा पशु तस्करी यमुनानगर, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, गुडग़ांव और रेवाड़ी जिलों में होती रही है। आयोग के सूत्रों की मानें तो अब इन जिलों में तस्करी नाम की कोई चीज नहीं है।
हरियाणा में 2 साल पहले बन चुका है सख्त कानून
हरियाणा में गौवंश की तस्करी करने और उसे मारने के खिलाफ खट्टर सरकार ने 2 साल पहले सख्त कानून बना दिया था। हरियाणा विधानसभा ने सर्वसम्मति से इस कानून को पास करते हुए कानून की अवहेलना करने वालों को 10 साल की कैद व एक लाख रुपए का जुर्माना तय किया है। हरियाणा गौ संवर्धन और गौ संरक्षण अधिनियम 2015 के तहत यह साफ किया गया है कि यदि कोई भी व्यक्ति गौवंश को बूचडख़ाने में ले जाने के तौर पर गौवंश की तस्करी करते पाया गया तो उसके खिलाफ इस अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
5 से ज्यादा गाय रखने वाले को 25 फीसदी सबसिडी
हरियाणा में इस समय 430 मुख्य गौशालाएं हैं, जिनमें से 103 ऐसी हैं जो 20 एकड़ में फैली हुई हैं। गौशालाओं को बढ़ावा देने के लिए खट्टर सरकार ने सबसिडी सिस्टम भी शुरू किया है, जिसमें 5 गाय रखने वालों को 50 फीसदी और 5 से ज्यादा गाय रखने वालों को 25 फीसदी सबसिडी का प्रावधान है। सरकार की इस योजना से लोगों में गाय पालने का क्रेज बढ़ा है और कई लोग इसका फायदा उठा रहे हैं।
आयोग ने गौ यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव भी दिया
हरियाणा सरकार और गौ सेवा आयोग ने 5 जिलोंं पानीपत, भिवानी, हिसार, सिरसा और यमुनानगर में गौ अभ्यारण बनाने का मसौदा तैयार किया है। हालांकि अभी प्रस्ताव सिरे नहीं चढ़ सका है लेकिन आयोग इस पर गंभीर है। आयोग ने सरकार को गौ यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव भी दिया है। यह गुजरात में बनी गौ यूनिवर्सिटी की तर्ज पर दिया गया है। पिछले दिनों आयोग के अध्यक्ष ने गुजरात का दौरा किया था।
2014 से अब तक दर्ज हुए 1862 मामले, 13158 पशु किए गए बरामद
हरियाणा में वर्ष 1014 से लेकर अब तक गौतस्करी के कुल 1862 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, इन मामलों में तस्करों की गिरफ्तारी के साथ-साथ लगभग 13158 पशुओं को भी उनके चंगुल से आजाद करवाया गया है।
साल मामले गिरफ्तार बरामद पशु
2014 681 1093 5064
2015 475 632 3240
2016 527 437 3541
2017 179 108 1313