दीपावली के बाद ‘रफ्तार’ पकड़ेगी खट्टर सरकार

Edited By Manisha rana, Updated: 09 Nov, 2020 08:31 AM

khattar government will catch  speed  after deepawali

विश्वव्यापी कोरोना संक्रमण ने देश एवं प्रदेश की हर व्यवस्था को खासा प्रभावित किया है। इसके बढ़ते प्रभाव का ही परिणाम था कि हरियाणा में भी सब कुछ थम सा गया था, यहां तक कि शासकीय...

चंड़ीगढ़ (संजय अरोड़ा) : विश्वव्यापी कोरोना संक्रमण ने देश एवं प्रदेश की हर व्यवस्था को खासा प्रभावित किया है। इसके बढ़ते प्रभाव का ही परिणाम था कि हरियाणा में भी सब कुछ थम सा गया था, यहां तक कि शासकीय एवं प्रशासकीय व्यवस्था पर भी इसका ‘साया’ रहा लेकिन अब दीपावली के बाद माना जा रहा है कि चंडीगढ़ स्थित सचिवालय में जहां रौनक दिखाई देगी वहीं सरकार भी पूरे एक्शन मोड में होगी। 

कोरोना के इस दौर में भले ही प्रशासनिक लिहाज से कहा जा सकता है कि कार्यों की रफ्तार थोड़ा मंद थी मगर सियासत के लिहाज से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार फील्ड में पूरी सक्रिय रही क्योंकि इसी कोरोना काल के बीच हाल ही में बरोदा विधानसभा सीट पर उप-चुनाव हुआ है और इसका परिणाम भी मंगलवार को सामने आ जाएगा। ऐसे में इस उप-चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री खट्टर सहित सरकार में शामिल सभी मंत्री और विधायक एवं विपक्षी दल इस सियासी दंगल में सक्रिय रहे। अब माना जा रहा है कि त्यौहारी सीजन मसलन दीपावली के बाद खट्टर सरकार पूरी तरह से रफ्तार में दिखाई देगी।

बरोदा उप-चुनाव में निकल गया अक्तूबर
पिछले अक्तूबर माह से प्रदेश की सियासत में काफी उबाल रहा और इस सर्द मौसम में भी राजनीतिक पारा उफान पर रहा। बरोदा विधानसभा क्षेत्र में हुए उप-चुनाव के चलते राजनीति काफी गर्माई रही। भाजपा-जजपा सरकार का पूरा फोकस उप-चुनाव पर रहा जिस कारण सचिवालय में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों व विधायकों की हाजिरी नाममात्र ही रही। बीते मंगलवार को जैसे ही मतदान हुआ तो इसके एक दिन बाद ही 5 व 6 नवम्बर को 2 दिवसीय विधानसभा सत्र शुरू हो गया लेकिन अब त्यौहारी सीजन है तो माना यही जा रहा है कि दीपावली के बाद चंडीगढ़ सचिवालय में पूरी तरह से गहमागहमी रहेगी।

ऐसा भी पहली बार हुआ
कोरोना काल ने बेशक हरियाणा की सभी गतिविधियों के पहियों पर बे्रक सी लगाई मगर इसमें भी कोई दोराय नहीं कि प्रदेश की राजनीति में ऐसा भी संभवत: पहली बार ही हुआ था कि विधानसभा सत्र मुख्यमंत्री की गैरहाजिरी में हुआ और वो भी बीमारी के कारण। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के चलते मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर स्वयं 24 अगस्त को कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। इसके उपचार के लिए उन्हें मेदांता जाना पड़ा जबकि 26 अगस्त को विधानसभा सत्र था लेकिन कोरोना के बाद सत्र तो बुलाया गया मगर मुख्यमंत्री खट्टर इसमें शामिल नहीं हो सके और प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इस सत्र में अपनी भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री 10 सितम्बर को मेदांता से डिस्चार्ज हुए और वे 14 सितम्बर तक गुरुग्राम में ही चिकित्सकों की देखरेख में रहे तथा 14 सितम्बर को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर पहुंचे थे। चंडीगढ़ आने पर करीब 22 दिन बाद वे फिर एक्शन मोड में आए और सरकारी काम काज को गति दी ही थी कि अक्तूबर माह में बरोदा उप-चुनाव का बिगुल बज गया था।

ऐसे लगी थी रफ्तार पर ब्रेक
गौरतलब है कि मार्च माह के पहले पखवाड़े में देश भर में कोरोना संक्रमण ने दस्तक दी और हरियाणा भी इससे अछूता नहीं रहा। प्रदेश एवं देश में लॉकडाऊन का सिलसिला शुरू हो गया। इसके कारण शासकीय एवं प्रशासकीय कार्य प्रभावित हुए वहीं प्रदेश की विकासकारी योजनाओं पर विराम सा लग गया था। सरकार का पूरा फोकस संक्रमण से बचाव पर रहा। मुख्यमंत्री खट्टर सोशल साइट्स के जरिए निरंतर अफसरों एवं मंत्रियों व पार्टी पदाधिकारियों के साथ-साथ आमजन से संपर्क में रहे लेकिन साफ तौर पर कहा जा सकता है कि कोरोना के कारण विभिन्न पहलुओं के लिए ‘दूरी’ भी आड़े आई।

निर्माण कार्यों को रोका गया तथा सरकार का एकमात्र ध्येय कोरोना से प्रदेशवासियों को बचाने पर रहा। बीमारी की भयावहता ऐसी रही कि धीरे-धीरे संक्रमण पूरे प्रदेश में फैलता चला गया और इससे मुख्यमंत्री सहित कई मंत्री, विधायक, सांसद व अफसर भी संक्रमित हो गए। इस कारण इन सभी की भी सचिवालय से दूरी हो गई। इस दूरी के चलते विकास कार्यांे व सरकार के एक्शन प्लान व रफ्तार पर ब्रेक सी लग गई थी।

दीपावली बाद बदली सूरत में नजर आएगा सचिवालय
अब जबकि बरोदा उप-चुनाव भी संपन्न हो चुका है और परिणाम भी मंगलवार को सामने होगा लेकिन इसमें कतई दोराय नहीं कि दीपावली के बाद चंडीगढ़ सचिवालय बदली और नई सूरत में नजर आएगा, क्योंकि लंबे समय तक मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहे राजेश खुल्लर की विश्व बैंक में नियुक्ति के बाद अब उनकी जगह वी.उमाशंकर आ चुके हैं और सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अधिकारी डी.एस. ढेसी नए सृजत पद मुख्य प्रधान सचिव नियुक्त किए जा चुके हैं। इसके अलावा नई नियुक्तियों के साथ नए अधिकारियों को अलग अंदाज में काम करने के निर्देश भी जारी हो चुके हैं। ऐसे में अब मुख्यमंत्री कार्यालय नए रूप में नजर आएगा।      

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