Edited By Deepak Kumar, Updated: 04 Jul, 2025 04:59 PM

करनाल सहकारी चीनी मिल ने देशभर में राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी दक्षता में लगातार तीसरी बार प्रथम स्थान प्राप्त किया है। पिछले 47 वर्षों में यह मिल कुल 22 राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी है।
करनाल: करनाल सहकारी चीनी मिल ने देशभर में राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी दक्षता में लगातार तीसरी बार प्रथम स्थान प्राप्त किया है। पिछले 47 वर्षों में यह मिल कुल 22 राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी है। यह जानकारी मिल के प्रबंध निदेशक राजीव प्रसाद ने दी। प्रबंध निदेशक राजीव प्रसाद ने बताया कि करनाल सहकारी चीनी मिल को 3 जुलाई को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सहकारी चीनी मिल संगठन के समारोह में तकनीकी दक्षता के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मिल के अधिकारी एवं निदेशक मंडल के सदस्य मौजूद थे।
पिराई सत्र 2023-24 में उल्लेखनीय प्रदर्शन
प्रबंध निदेशक ने बताया कि मिल ने 15 नवंबर 2023 से पिराई सत्र 2023-24 शुरू किया और 11 अप्रैल 2024 तक 49.34 लाख क्विंटल गन्ना पिरा कर 4.90 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन सफलतापूर्वक पूरा किया। इस पिराई सत्र को बिना किसी रुकावट के पूरा कर राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी दक्षता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया।

किसानों की सुविधा के लिए नई व्यवस्थाएं
राजीव प्रसाद ने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए मिल में ऑनलाइन टोकन सिस्टम लागू किया गया है, जिससे किसान स्वयं अपने गन्ने की ट्रालियों पर टोकन लगा सकते हैं। इसके अलावा पिराई सीजन के दौरान दो हेल्पलाइन नंबर (9034165736 व 9034165436) जारी किए गए हैं, जिन पर किसान किसी भी समस्या के लिए सीधे संपर्क कर सकते हैं। इस प्रणाली के चलते किसान केवल 2-3 घंटे में अपनी गन्ने भरी ट्राली खाली कर घर लौट जाते हैं। मिल ने अब तक खरीदे गए गन्ने का पूरा भुगतान भी किसानों को किया है और पिराई के दौरान भी गन्ने का भुगतान 2-3 दिनों के भीतर कर दिया जाता है, जिससे किसानों को समय और वित्तीय लाभ मिल रहा है।
राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर करनाल मिल की पहचान
उन्होंने बताया कि करनाल शुगर मिल ने पिछले 47 वर्षों में कुल 22 राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं। प्रदेश में कुल 10 सरकारी चीनी मिलें हैं, जिनमें तकनीकी क्षमता के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार दिए जाते हैं। नेशनल शुगर फेडरेशन के विभिन्न मानदंडों के तहत देश के प्रमुख गन्ना उत्पादन क्षेत्रों—उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब—में तकनीकी दक्षता के आधार पर यह पुरस्कार करनाल शुगर मिल को मिला है।

किसानों को त्वरित भुगतान का उदाहरण
राजीव प्रसाद ने बताया कि अन्य चीनी मिलों में गन्ने का भुगतान करने का औसत समय 14 दिन होता है, लेकिन करनाल शुगर मिल किसानों को 2-3 दिनों के भीतर भुगतान कर देती है। पिराई सीजन में किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
राष्ट्रीय कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
नई दिल्ली में आयोजित पुरस्कार समारोह में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अरविंद शर्मा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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