हरियाणा में हर साल रिटायर होने वाले कर्मचारियों से तीन गुणा दी जा रही नौकरियां: सुदेश कटारिया

Edited By Manisha rana, Updated: 18 Jan, 2023 03:47 PM

jobs being given to the employees retiring every year in haryana sudesh kataria

हरियाणा में सरकारी नौकरियों व किसानों की फसल के कम मूल्य को हमलावर विपक्ष को भाजपा के प्रवक्ता सुदेश कटारिया ने करारा जवाब दिया है...

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा में सरकारी नौकरियों व किसानों की फसल के कम मूल्य को हमलावर विपक्ष को भाजपा के प्रवक्ता सुदेश कटारिया ने करारा जवाब दिया है। सुदेश कटारिया ने ने कहा है कि देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सबसे अधिक फसलें खरीदने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। साथ ही कटारिया ने यह भी दावा किया कि हरियाणा में औसतन हर साल रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों से तीन गुणा सरकारी नौकरियां राज्य में प्रदान की जा रही है। इससे पहले किसी सरकार ने कर्मचारियों के रिटायर होने के अनुपात में भी सरकारी नौकरियां प्रदान नहीं की हैं।

हरियाणा भाजपा के प्रवक्ता सुदेश कटारिया ने विपक्ष के हमलों का आंकड़ों व तथ्यों के साथ जवाब देते हुए कहा है कि अब उनके पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है। इसलिए जनता को गुमराह करने के लिए विपक्ष गलत हथकंडे अपनाने का मौका भी नहीं चूकना चाहता है। कटारिया ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने अब तक के आठ साल के कार्यकाल में 97 हजार 126 युवाओं को नौकरियां दी हैं। यह औसतन एक साल में 12 हजार से अधिक नौकरियां बनती हैं। प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के रिटायर होने का अनुपात तीन से पांच हजार तक प्रति साल है। पिछली सरकारों ने कर्मचारियों की रिटायरमेंट की वजह से खाली हुए पदों तक को नहीं भरा है, जबकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल तीन गुणा नौकरियां दे रहे हैं।

सुदेश कटारिया ने कहा कि इसी वित्तीय साल 2023 में हरियाणा कर्मचारी चयन आय़ोग और हरियाणा लोक सेवा आयोग की ओर से करीब एक लाख सरकारी नौकरियां देने की प्रक्रिया आरंभ की जा चुकी है। किसानों से जुड़े मुद्दे पर सुदेश ने स्थिति साफ करते हुए कहा कि इस समय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 14 फसलों की खरीद करने वाला हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है। इनमें धान, गेहूं, जौ, सरसों, मक्का, बाजरा, मूंग, मूंगफली, अरहर, उड़द, तिल, चना, सूरजमुखी एवं कपास की फसलें शामिल हैं। यहां गन्ने का भाव भी देश में सर्वाधिक 362 रुपये प्रति क्विंटल दिया जा रहा है।

भाजपा प्रवक्ता ने पंजाब में गन्ने के अधिक रेट होने के पीछे सिर्फ राजनीतिक स्पर्धा करार दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब ने इस बार 20 रुपये प्रति क्विंटल के रेट बढ़ाए हैं, जबकि उसके पास किसानों को देने के लिए पैसे तक नहीं हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच है कि देश के किसानों को उनकी फसल के तुरंत दाम मिलने चाहिएं। हालाांकि राज्य में गन्ने के रेट बढ़ाने की संभावनाएं तलाश करने के लिए कृषि मंत्री जेपी दलाल के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री इस पर अंतिम फैसला लेंगे। सुदेश कटारिया ने बताया कि हरियाणा में प्राकृतिक आपदा से फसलों के खराब होने पर मुआवजा दिया जा रहा है। मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल से फसलों की खरीद हो रही है, जिसमें खरीद व पेमेंट में भ्रष्टाचार की तमाम गुंजाइश खत्म की जा चुकी है।

कटारिया ने बताया कि बागवानी फसलों के संरक्षित मूल्य देने के लिए भावांतर भरपाई योजना तथा प्राकृतिक आपदा के नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना शुरू की गई है, जिसका लाभ किसानों को भरपूर मात्रा में मिल रहा है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने फसल नुकसान की मुआवजा रकम में वृद्धि कर दी है। नुकसान की दो कैटेगरी में मुआवजा 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार और 10 हजार से बढ़ाकर 12 हजार 500 रुपये कर दिया गया है। धान, गेहूं, गन्ना और कपास की फसल को 75 परसेंट से ज्यादा नुकसान होने पर अब 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा मिलेगा।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)         

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!