संसद तक पहुंचा ई-टेंडरिंग का मुद्दा, राज्यसभा में नोटिस देकर दीपेंद्र बोले- सरपंचों को मिले पूरा अधिकार

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 13 Feb, 2023 12:11 PM

issue of e tendering reached parliament as deepender gave notice in rajya sabha

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्यसभा में नोटिस देकर सरपंचों के अधिकारों में की गई कटौती को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की है।

डेस्क : हरियाणा में ई-टेंडरिंग के विरोध में सरपंचों का प्रदर्शन लगातार जारी है। सरपंच एसोसिएशन ने बीजेपी-जेजेपी समेत प्रदेश सरकार के सहयोगी विधायकों के घरों के बाहर डेरा डाला हुआ है। वहीं हरियाणा सरकार ई-टेंडरिंग को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है। सरकार का दावा है कि ई-टेंडरिंग के माध्यम से ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। इस बीच प्रदेश का यह मामला हरियाणा से निकलकर संसद तक पहुंच गया है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने ई-टेंडरिंग को लेकर राज्यसभा में नोटिस दिया है। इस नोटिस के जरिए दीपेंद्र ने सरपंचों के अधिकारों में की गई कटौती को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की है।

 

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चुनी हुई ग्राम पंचायतों के अधिकार में हो रही कटौती : दीपेंद्र हुड्डा

दरअसल ई-टेंडरिंग के माध्यम से 2 लाख रुपए से अधिक के विकास कार्य अब केवल टेंडर के माध्यम से ही हो पाएंगे। सरकार की इस नई व्यवस्था के खिलाफ राज्यसभा मे नोटिस देते हुए दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि 73वें संविधान संशोधन के जरिए भारत के संविधान ने देश की पंचायतों को विकास करने का अधिकार दिया है। यही नहीं समय-समय पर सरकारों ने इस व्यवस्था को मजबूत बनाया है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज में चुनाव की व्यवस्था होती है और जनता पंचायत व सरपंचों को चुनकर भेजती है। इसके बावजूद हरियाणा में चुनी हुई ग्राम पंचायतों के अधिकार में कटौती करने के लिए ई-टेंडरिंग की व्यवस्था लागू की गई है।

 

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पंचायती राज मंत्री से दीपेंद्र ने लगाई गुहार, तुरंत वापस हो ई-टेंडरिंग

दीपेंद्र हुड्डा ने अपने नोटिस में कहा कि ई-टेंडरिंग की व्यवस्था के बाद पंचायतें अपने स्तर पर गली-नाली तक नहीं बनवा पाएंगी। इस गांव का विकास पूरी तरह ठप हो जाएगा और लोकतांत्रिक व्यवस्था तार-तार हो जाएगी। ऐसा करके हरियाणा सरकार जनता द्वारा चुने हुए सरपंचों से गांव में विकास कार्य करवाने का अधिकार ही नहीं छीन रही, बल्कि उन्हें अफसरशाही के अधीन करना चाहती है। हरियाणा सरकार के इस फैसले के खिलाफ और पंचायतों के अधिकार बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदेश भर में सरपंचों को सड़कों पर धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है। कांग्रेस सांसद ने पंचायती राज मंत्री से इस अति महत्वपूर्ण विषय का संज्ञान लेकर जनता द्वारा चुने गये सरपंचों के अधिकार और उनके मान-सम्मान की रक्षा करने की अपील की है। दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई ई-टेंडरिंग व्यवस्था को एकतरफा करार देते हुए इसे तुरंत प्रभाव से वापस लिए जाने की मांग की है।

 

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