FPO घोटाले पर BJP-JJP सरकार को हुड्डा ने घेरा, कहा- किसानों की 85% सब्सिडी घोटालेबाज डकार गए

Edited By Saurabh Pal, Updated: 24 Jan, 2024 09:38 PM

hooda cornered bjp and jjp government on fpo scam

बीजेपी-जेजेपी सरकार घोटालेबाजों के संरक्षक की तरह काम कर रही है। एफपीओ और फसल बीमा योजनाओ के नाम पर किसानों से धोखा करके बड़े घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है...

चंडीगढ़: बीजेपी-जेजेपी सरकार घोटालेबाजों के संरक्षक की तरह काम कर रही है। एफपीओ और फसल बीमा योजनाओ के नाम पर किसानों से धोखा करके बड़े घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है। एफपीओ के नाम पर किसानों के साथ हुआ सैकड़ों करोड़ का घोटाला इसका ताजा उदाहरण है। पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एफपीओ घोटाले पर टिप्पणी करते हुए ये बात कही।

उन्होंने कहा कि पहले धान व बाजार खरीद, फिर फसल बीमा और मुआवजे के नाम पर किसानों से सैकड़ों करोड़ की लूट हुई। उसके बाद अब सरकार के एक और घोटाले का खुलासा हुआ है। किसानों के करोड़ों रुपए हड़पने के लिए फर्जी किसानों के नाम पर फर्जी एफपीओ बनाए गए। जिन रूपयों का इस्तेमाल किसानों के उत्थान के लिए होना चाहिए था, वह सीधे घोटालेबाजों की जेब में गया। ड्रिप सिंचाई पर सरकार की तरफ से मिलने वाली 85% तक सब्सिडी भी किसानों को देने की बजाय घोटालेबाजों ने डकार ली। 

किसानों को ना इक्विटी ग्रांट मिली और ना ही सब्सिडी। पूरे प्रदेश में इतने बड़े स्तर पर घोटाला हुआ कि मामला केंद्र सरकार तक पहुंच गया। लेकिन केंद्र सरकार को भी गुमराह करने के लिए बीजेपी-जेजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। सीआईडी की जांच के नाम पर पूरे घोटाले पर लीपा-पोती की गई व गुनहगारों को बचाया गया। खुद केंद्र सरकार को प्रदेश सरकार की जांच पर भरोसा नहीं हुआ और उसने पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए कहा। 

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इससे पहले गठबंधन सरकार हर सीजन में किसानों को फसल बीमा योजना के नाम पर ठगती आ रही है। पीएम फसल बीमा योजना के जरिए किसानों को लूटकर निजी बीमा कंपनियों का खजाना भरा जा रहा है। संसद में खुद केंद्र सरकार ने जुलाई महीने में बताया था कि पिछले 7 साल में निजी बीमा कंपनियों ने पूरे देश में ₹1,97,657 करोड़ बीमा प्रीमियम वसूला। इसके बदले में कंपनियों ने ₹1,40,036 करोड़ का ही मुआवजा दिया। यानी उन्हें कुल ₹57,000 करोड़ का तगड़ा मुनाफ़ा हुआ। हरियाणा में वर्ष 2022-23 में AIC कंपनी ने 703.84 करोड़ रुपये प्रीमियम लिया। लेकिन सिर्फ 7.46 करोड़ रुपये का ही मुआवजा दिया। यानी 99 प्रतिशत राशि कंपनी की तिजोरी में गई। 

इस बार तो प्रदेश के सात जिलों के करीब 3 लाख किसानों की फसल का बीमा ही नहीं किया गया। बीमा करने  की समय सीमा भी 31 दिसंबर को पूरी हो चुकी है। किसानों को रामभरोसे छोड़ दिया गया है । क्लस्टर-2 के अंबाला, करनाल, सोनीपत, हिसार, जींद, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम जिले के किसान बीमा से वंचित रह गए है।  ऐसे में सरसों, गेहूं, जौ और सूरजमुखी की फसल को अगर कोई नुकसान होता है तो उसकी भरपाई करने वाला कोई नहीं होगा। पिछली बार खरीफ की फसल के लिए भी इस क्लस्टर के लिए कोई बीमा कंपनी थी ही नहीं। जबकि जुलाई 2023 तक करीब 2 लाख किसानों के खातों से प्रीमियम की राशि काट ली गई थी। 

हुड्डा ने बताया कि उनको किसानों ने मुआवजा आवंटन में भेदभाव की भी शिकायत की है। किसानों का कहना है कि सरकार अपने चहेते चंद किसानों को तो मुआवजा दिलवा देती है, जबकि ज्यादातर किसान एजेंसी और सरकार का मुंह ताकते रह जाते हैं। इस पूरे मामले की भी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। साथ ही सरकार को अपने स्तर पर कलस्टर-2 के किसानों का मुआयना करके बीमा करना चाहिए और अबतक बकाया सारे मुआवजे का तुरंत भुगतान करना चाहिए।

(हरियाणा की खबरें अब व्हाट्सऐप पर भी, बस यहां क्लिक करें और Punjab Kesari Haryana का ग्रुप ज्वाइन करें।) 
(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!