सरकार ने मानी निजी अस्पतालों की मांगे; डेड बॉडी रख सड़क किया जाम तो होगी जेल, अफसर भी कर सकेंगे अंतिम संस्कार

Edited By Saurabh Pal, Updated: 13 Dec, 2023 08:23 PM

home ministry approves haryana dead body respect bill

15 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में हरियाणा सरकार राजस्थान की तर्ज पर मृत शरीर सम्मान विधेयक लेकर आने वाली है। हलांकि सत्र शुरू होने से पहले ही इस विधयक को लेकर निजी अस्पताल प्रबंधनों के विरोध के चलते सरकार ने इसके क्लॉज में बदलाव कर दिया...

चंडीगढ़ः 15 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में हरियाणा सरकार राजस्थान की तर्ज पर मृत शरीर सम्मान विधेयक लेकर आने वाली है। हलांकि सत्र शुरू होने से पहले ही इस विधयक को लेकर निजी अस्पताल प्रबंधनों के विरोध के चलते सरकार ने इसके क्लॉज में बदलाव कर दिया है। इस विधेयक में नियम था कि निजी व सरकारी अस्पतालों में पैसे के लिए अस्पताल प्रबंधन शव नहीं रोक सकता है। जिसमें अब बदलाव कर दिया गया है। इस नए क्लॉज के अनुसार अस्पताल का बिल चुकाने के बाद ही शव परिजन ले जा सकते हैं।

सड़क पर शव रखकर किया प्रदर्शन तो होगी जेल

इस विधेयक के पास होने के बाद अब से हरियाणा में शव सड़क पर रख कर चक्का जाम व प्रदर्शन जैसी गतिविधियां नहीं कर सकते हैं। इस तरह के मामलों को रोकने के लिए गृह विभाग की ओर से प्रस्तावित हरियाणा मृत शरीर सम्मान विधेयक को विज की तरफ से मंजूरी मिल चुकी है। विधेयक के अनुसार राजस्थान की तर्ज पर हरियाणा में सड़क पर शव रखकर जाम लगाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विधेयक को स्वीकृति के लिए अब मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है। 

पहले से ही NH पर प्रदर्शन करने पर सजा व जुर्माने का है प्रावधान 

गृह विभाग की तरफ से तैयार किए गए विधेयक को सड़क जाम की घटनाओं को रोकना बताया गया है। विधेयक में कहा गया है कि इससे लागू होने से सार्वजनिक जगहों पर शव के साथ प्रदर्शन करने पर अंकुश लगेगा, क्योंकि इसमें सजा के साथ जुर्माने का प्रावधान तय किया जाएगा। हालांकि नेशनल हाईवे जाम करने के खिलाफ पहले से ही सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन है, जिसमें पुलिस मुकदमा दर्ज करती है।

राजनेताओं के लिए 5 वर्ष जेल का प्रावधान

गौरतलब है कि शव रख कर प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने में कई बार पुलिस असहाय नजर आती है। विधेयक में राजस्थान का भी हवाला दिया गया है, जहां शव रख कर सड़क जाम करने पर 2 वर्ष की जेल का प्रावधान है। इसके साथ ही यदि कोई राजनेता इस प्रकार के धरने में शामिल होता है तो उसके लिए 5 वर्ष जेल का प्रावधान है। खास बात यह कि इस तरह के प्रदर्शन में शामिल होने वालों पर पुलिस कार्रवाई करेगी, चाहे वह समाजिक संगठन हो या कोई राजनीतिक दल उन भी कार्रवाई का प्रावधान है।

परिजन नहीं हुए राजी तो पुलिस अफसर करेंगे अंतिम संस्कार

वहीं गृह विभाग की माने तो इस विधेयक को लाने के पीछे मृत शरीर की गरिमा सुनिश्चित करना है। इस विधेयक के प्रभावी होने के बाद विरोध प्रदर्शन की यदि स्थिति पैदा होती है तो ऐसे में पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी होगी। विधेयक के तहत डीएसपी व एसएचओ को अधिकार होंगे की वह अपने स्तर पर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार करवाएंगे। हलांकि इससे पहले परिजनों को राजी करना जरूरी है, लेकिन ऐसा किसी कारण बस नहीं हो पा रहा है तो पुलिस अफसर मृत शरीर का संस्कार कर सकते हैं।

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