हरियाणा के हिमांशु ने किया पिता का सपना साकार, NEET में पाया तीसरा रैंक

Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 05 Jun, 2018 08:34 AM

himanshu get third rank in neet

सोमवार को NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट) का रिजल्ट घोषित हो चुका है जिसमें बिहार की कल्पना कुमारी ने 720 में से 691 अंक हासिल कर टॉप किया। वहीं कल्पना से महज एक अंक कम लाकर हरियाणा के हिमांशु शर्मा ने तीसरा स्थान हासिल किया है। नीट के टॉप...

रोहतक: सोमवार को NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट) का रिजल्ट घोषित हो चुका है जिसमें बिहार की कल्पना कुमारी ने 720 में से 691 अंक हासिल कर टॉप किया। वहीं कल्पना से महज एक अंक कम लाकर हरियाणा के हिमांशु शर्मा ने तीसरा स्थान हासिल किया है। नीट के टॉप 50 में हरियाणा के 4 छात्रों का दबदबा रहा है। हरियाणा के संगीत को 22वां, महक अरोड़ा को 31वां व आशीष को 46वां रैंक मिला है।
 
रोहतक के रहने वाले हैं हिमांशु शर्मा
हिमांशु ने बताया कि वह इन दिनों हैदराबाद में हैं। वे अपने पिता के साथ गर्मियों की छुट्टियां बिताने पहुंचे हैं। वे मूलरुप से रोहतक के गांव जसिया निवासी हैं। लेकिन उनका परिवार रोहतक के गोहाना रोड स्थित राजेंद्र नगर में रह रहा है। उनके पिता बिरेंद्र कुमार रोहतक जिले के ससरौली गांव स्थित सरकारी स्कूल में विज्ञान के शिक्षक हैं।

पिता का सपना था डॉक्टर बने बेटा
उनके पिता का सपना था कि वे डॉक्टर बने। इसी सपने को पूरा करने के लिए दसवीं तक हिमांशु ने रोहतक के पठानिया स्कूल से पढ़ाई करने के बाद दिल्ली के उत्तम नगर मोहन गार्डन का रुख किया। यहां जनकपुरी स्थित आकाश इंस्टिट्यूट से कोचिंग की। बारहवीं कक्षा में फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बॉयोलॉजी के साथ उन्होंने 94 फीसदी अंक हासिल किए। वहीं से रजिस्ट्रेशन कराया, उन्हें 690 अंक मिले हैं। उनका पर्सेंटाइल स्कोर 99.999764 रहा।

बेटे ने साकार किया सपना: पिता
हिमांशु के पिता बिरेंद्र कुमार का कहना है कि अपने बेटे की उपलब्धि देख वे बहुत खुश हैं। जिस सपने को उन्होंने देखा था, उसे आज उनके बेटे ने पूरा कर दिखाया। इससे ज्यादा खुशी उनके जीवन में और कुछ नहीं हो सकती। हिमांशु ने बताया कि उन्हें स्पोर्टस और पढ़ाई दोनों में बेहद रुचि है।       

हिमांशु के आदर्श हैं पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम 
हिमांशु शर्मा का कहना है कि उनके जीवन में भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम उनके आदर्श हैं। वे अब तक डॉ. कलाम की सीख का अनुसरण करके ही यहां तक पहुंचे हैं। वह दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से अपनी एमबीबीएस करना चाहते हैं। हिमांशु का एमबीबीएस के बाद न्यूरो सर्जन या कार्डियोलाॅजिस्ट बनना लक्ष्य है। 

देशभर के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की करीब 65 हजार और बीडीएस की 26 हजार सीटों पर दाखिले के लिए हुई इस परीक्षा में 12,69,922 विद्यार्थी बैठे थे। इनमें से 7,14,562 ने क्वालिफाई किया। पिछले साल 6,11,539 विद्यार्थी क्वालिफाई हुए थे। इस बार लगातार दूसरे साल कटऑफ गिरा है। इस बार 16.52% अंकों पर भी काउंसिलिंग कॉल आएगी।
 

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