हरियाणा प्रतिपूरक वनीकरण विकसित करने के लिए भूमि बैंक बनेगा: संजीव कौशल

Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 31 Mar, 2023 10:40 PM

haryana to become land bank to develop compensatory

हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने विकास एवं पंचायत, सिंचाई एवं जल संसाधन, नगर एवं ग्राम आयोजना, उद्योग एवं वाणिज्य तथा शहरी स्थानीय निकाय विभागों के अधिकारियों को बंजर, जलभराव या अन्य लवणीय भूमि का भूमि बैंक तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने विकास एवं पंचायत, सिंचाई एवं जल संसाधन, नगर एवं ग्राम आयोजना, उद्योग एवं वाणिज्य तथा शहरी स्थानीय निकाय विभागों के अधिकारियों को बंजर, जलभराव या अन्य लवणीय भूमि का भूमि बैंक तैयार करने के निर्देश दिये हैं ताकि ऐसी भूमि क्षेत्र का उपयोग अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के विकास के कारण वनों के हुए नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूरक वनीकरण  किया जा सके। 

कौशल ने आज यहां क्षतिपूरक वनीकरण के लिए भूमि बैंकों के निर्माण के संबंध में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि ऐसी भूमि बैंक के लिए एक राज्य स्तरीय वेब पोर्टल विकसित किया जाना चाहिए ताकि चिन्हित या प्रस्तावित भूमि को  वन संरक्षण नियम, 2022 के अंतर्गत क्षतिपूरक वनीकरण के लिए प्रयोग किया जा सके। कौशल ने अधिकारियों को पर्यावरण संरक्षण और हरियाणा में वन क्षेत्र को बढ़ाने के उद्देश्य से हरित अर्थव्यवस्था के विकास के लिए भूमि की पहचान की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने भू-राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि क्षतिपूरक वनीकरण के लिए चिन्हित भूमि के राजस्व रिकॉर्ड की जांच की जाए। कौशल ने अधिकारियों को राज्य में राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभ्यारण्यों, संरक्षण अभ्यारण्यों और सामुदायिक अभ्यारण्यों के विकास की संभावनाओं का पता लगाने के भी निर्देश।  उन्होंने अधिकारियों से क्षतिपूरक वनीकरण के महत्व के बारे में जन जागरूकता अभियान चलाने के लिए कहा।

उन्होंने क्षतिपूरक वनीकरण का संदेश फैलाने के लिए  स्थानीय गैर सरकारी संगठनों, पर्यावरण समूहों के साथ सहयोग करने, हितधारकों का सहयोग लेने के लिए कहा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करने की आवश्यकता पर बल भी दिया। क्षतिपूरक वनीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत विकास परियोजनाओं  जैसे राजमार्गों और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कारण वन के नुकसान की भरपाई के लिए वृक्ष लगाने या नए वन विकसित किये जाते हैं। पर्यावरण पर मानव गतिविधियों के प्रभाव को कम करने और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया भी है। बैठक में पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग, शहरी स्थानीय निकाय के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता, उच्च शिक्षा विभाग प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

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