Edited By Isha, Updated: 04 Oct, 2024 07:01 PM
हरियाणा सचिवालय के हालात इन दिनों पुरानी चर्चित फिल्म शोले के एक दृश्य की तरह दिखाई दे रह हैं, जिसमें रहीम चाचा के किरदार में एके हंगल गांव में किसी भी प्रकार की आवाज सुनाई नहीं देने पर कहते हैं कि ‘इतना सन्नाटा क्यों है भाई
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा सचिवालय के हालात इन दिनों पुरानी चर्चित फिल्म शोले के एक दृश्य की तरह दिखाई दे रह हैं, जिसमें रहीम चाचा के किरदार में एके हंगल गांव में किसी भी प्रकार की आवाज सुनाई नहीं देने पर कहते हैं कि ‘इतना सन्नाटा क्यों है भाई...’ यह दृश्य हरियाणा सचिवालय के तब से हैं, जब से प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगी है। हरियाणा सचिवालय के कर्मचारी और अधिकारी जिनकी चुनाव में ड्यूटी नहीं है, वह अवश्य ही सचिवालय में आवागमन कर रहे हैं, लेकिन नेताओं का आवागमन नहीं होने से हरियाणा सचिवालय सूनसान और वीरान पड़ा है।
फिलहाल हरियाणा सचिवालय में कर्मचारियों के अंदर चुनावी चर्चा का माहौल है। अलग-अलग दावें हैं। हरियाणा सचिवालय की छठी, सातवीं और आठवीं मंजिल जहां हरियाणा सचिवालय में मंत्रियों के कमरें हैं। वहां मंत्रियों के नामों के बोर्ड लगे हुए हैं और हर फ्लोर पर सन्नाटा पैर पसारे हुए है। कुछ नेता ऐसे हैं, जिन्हें वर्तमान सत्ता पक्ष भाजपा ने टिकट नहीं दी है, उनमें से एक सीमा त्रिखा, जो नायब सिंह सैनी सरकार में मंत्री रही हैं के कार्यालय की स्थिति ठीक नजर नहीं आती।
हरियाणा सचिवालय की आठवीं मंजिल पर प्रदेश के अधिकांश मंत्री बैठते हैं। इस मंजिल पर अधिकांश समय भीड़भाड़ और लोगों की रौनक नजर आती है, लेकिन चुनाव परिणाम आने से पहले यहां रौनक लौटती नजर नहीं आ रही। भले ही हरियाणा में कल यानि 5 अक्टूबर को मतदान होगा और 8 अक्टूबर को मतगणना के बाद चुनावी परिणाम घोषित किए जाएंगे। ऐसे में मतदान और मतगणना के बीच तीन दिन का अंतर होने के बावजूद भी कोई राजनेता हरियाणा सचिवालय में नजर नहीं आने वाला है। इसके पीछे सीधा कारण है कि मतदान के बाद हर राजनेता अपनी जीत के साथ ही प्रदेश की अन्य सीटों के आंकलन में जुट जाएगा। ऐसे में मतगणना के बाद जारी होने वाले चुनावी परिणाम के बाद ही हरियाणा सचिवालय में फिर से रौनक लौट पाएगी। अब देखना यह होगा कि इस बार प्रदेश की जनता किस दल के सिर पर जीत का सेहरा पहनाकर उन्हें हरियाणा सचिवालय के बाद पूरे राज्य की बागडौर सौंपती है।
सीएम समेत होंगे 14 सदस्य
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत कुल 14 सदस्य शामिल हो सकते हैं। बता दें कि हरियाणा में इस बार प्रदेश की 15वीं विधानसभा का गठन किया जाएगा, जिसमें जहां भारतीय जनता पार्टी हैट्रिक लगाकर लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने की कोशिश में है। वहीं, कांग्रेस अपनी खोई हुई सत्ता को हासिल करने की फिराकर में है।
इसके अलावा 20 साल से सत्ता से बाहर इंडियन नेशनल लोकदल इस बार बहुजन समाज पार्टी के हाथी के सहारे सत्ता में लौटने के प्रयास में है। साथ ही दिल्ली और पंजाब के बाद आम आदमी पार्टी अब हरियाणा में भी अपना कब्जा जमाने की फिराक में है। इतना ही नहीं इनेलो से अलग होकर बनी जननायक जनता पार्टी इस बार भी सत्ता की चाबी अपने पास होने का दावा करते नहीं थक रही। ऐसे में अब सबकी निगाहें 8 अक्टूबर को होने वाली मतगणना के बाद घोषित किए जाने वाले चुनावी परिणाम पर टिकी है।