हरियाणा पुलिस की नेक पहल, इस साल 1716 गुमशुदा बच्चों को परिवार से मिलवाया

Edited By Manisha rana, Updated: 30 Dec, 2020 10:29 AM

haryana police s noble initiative missing children introduced family this year

हरियाणा पुलिस ने इस साल 1716 ऐसे बच्चों को देश के विभिन्न हिस्सों में उनके परिवारों से मिलवाया है जो किसी कारण अपने परिजनों से बिछड़ गए थे। इन लापता बच्चों में 771 लड़के और 945 लड़कियां शामिल हैं। इनमें से कुछ बच्चे काफी लंबे समय से लापता...

हरियाणा (चंद्र शेखर धरणी) : हरियाणा पुलिस ने इस साल 1716 ऐसे बच्चों को देश के विभिन्न हिस्सों में उनके परिवारों से मिलवाया है जो किसी कारण अपने परिजनों से बिछड़ गए थे। इन लापता बच्चों में 771 लड़के और 945 लड़कियां शामिल हैं। इनमें से कुछ बच्चे काफी लंबे समय से लापता थे। साथ ही पुलिस द्वारा इस वर्ष 1189 बाल भिखारियों और 1941 बाल श्रमिकों का पता लगाकर उन्हें छुड़वाया गया है। ये बच्चे दुकानों व अन्य स्थानों पर अपनी आजीविका के लिए छोटे-मोटे काम करते हुए पाए गए।

हरियाणा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) श्री मनोज यादव ने आज इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस साल महामारी के कठिन समय के दौरान हमारे अधिकारियों और जवानों ने कानून व्यवस्था बनाए रखने व अपराध पर अंकुश लगाते हुए इन गुमशुदा बच्चों को ढूंढ कर उन्हें परिजनों से मिलवाने के लिए भी प्राथमिकता देते हुए अपनी डयूटी निभाई। बरामद हुए बच्चों में से 1433 को पुलिस की फील्ड इकाईयों द्वारा ट्रेस किया गया तथा बाकि 283 गुमशुदा बच्चों को स्टेट क्राइम ब्रांच की विशेष एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स द्वारा ढूंढ कर परिजनों के सुपूर्द किया गया जिन्होंने इस नेक काम के लिए बहुत समर्पण भाव से कार्य किया है।

डीजीपी ने इस नेक अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसका उद्देश्य लापता बच्चों का पता लगाकर उन्हंे उनके परिजनों को सौंपना है ताकि बाल तस्करी पर अंकुश लगाने के साथ-साथ ऐसे बच्चों को भीख मांगने और अन्य असामाजिक गतिविधियों में धकेलने से बचाया जा सके। इस अभियान के तहत, पुलिस की टीमें बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों और धार्मिक स्थलों जैसे सार्वजनिक स्थानों व आश्रय गृह जैसे संस्थानों पर जाकर ऐेसे बच्चों की तलाश करती हैं जो किसी कारणवश अपने माता-पिता या परिवार से अलग हो गए हैं। पुलिस आश्रय घरों का दौरा कर मिले जानकारी के तहत ऐसे लापता बच्चों के माता-पिता को ट्रैक करने का भी प्रयास करती है जो अपने परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे पाते। उन्होंने कहा कि हमारे कर्मियों ने सभी लापता बच्चों की जांच की ताकि उनसे उनके माता-पिता के साथ पुनर्मिलन में मदद मिल सके। हमारी कर्मी लापता बच्चों की काउंस्लिंग कर अहम जानकारी जुटाते हुए सभी औपचारिकताएं पूरी कर उन्हें उनके परिजनों के सुपूर्द करते हैं।

हरियाणा पुलिस द्वारा बाल कल्याण परिषद, गैर-सरकारी संगठनों व संबंधित विभागों के सहयोग से गुमशुदा बच्चों को फिर से परिवार से जोडने के लिए यह महत्वपूर्ण अभियान चलाया जा रहा है। जिलेवार आंकड़ों का ब्योरा देते हुए उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस साल पानीपत में 213, पंचकूला में 50, गुरुग्राम में 40, फरीदाबाद और रोहतक में 80-80, अंबाला में 55, यमुनानगर में 98, कुरुक्षेत्र में 56, करनाल में 23, कैथल में 24, सोनीपत में 97, भिवानी में 45, झज्जर में 39, चरखी दादरी में 27, सिरसा और हिसार में 86-86, हांसी में 23, जींद में 49, फतेहाबाद में 41, रेवाड़ी में 72, पलवल में 122, नारनौल में 6 और मेवात में 16 गुमशुदा बच्चों को तलाश कर परिजनों को सौंपा है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!