Edited By Isha, Updated: 27 Jul, 2023 09:03 AM

रियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग ने हरियाणा राज्य क्रेच नीति-2022 की अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे राज्य की कामकाजी महिलाओं को लाभ होगा। राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने क्रेच नीति को लेकर कहा कि राज्य सरकार ने कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखते हुए यह...
भिवानी: हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग ने हरियाणा राज्य क्रेच नीति-2022 की अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे राज्य की कामकाजी महिलाओं को लाभ होगा। राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने क्रेच नीति को लेकर कहा कि राज्य सरकार ने कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखते हुए यह नीति बनाई है, जिसके तहत छह माह से छह साल तक के बच्चे को क्रेच में आठ से दस घंटे तक रखा जा सकेगा। क्रैच में कुशल एवं प्रशिक्षित कर्मी लगाये जाएंगे। इसमें क्रैच वकर्र को 15 हजार रुपये और सहायिका को साढ़े सात हजार रुपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा। विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा के अनुसार राज्य में 50 से अधिक कर्मचारियों वाले सभी संस्थानों को क्रेच खोलना अनिवार्य होगा।
क्रेच में बच्चों के खेलने के सामान और खिलौने के साथ ही पौष्टिक भोजन, नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण, सोने की व्यवस्था, शिक्षा तथा शारीरिक और सामाजिक-भावनात्मक विकास के लिए तमाम इंतजाम होंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पहले ही 500 क्रेच खोलने के निर्देश जारी कर चुके हैं। प्रदेश में अभी तक 16 जिलों में 165 क्रैच चालू किए जा चुके हैं। इन्हें नई पॉलिसी के तहत अपग्रेड किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग ने आधुनिक सुविधा युक्त क्रेच स्थापित करने हेतु मोबाइल क्रेच ऑर्गनाइजेशन के साथ समझौता किया है। ये क्रेच माह में 26 दिन खुलेंगे। बच्चों की सुरक्षा के लिये अभिभावकों और स्टॉफ के पहचान पत्र भी बनाए जाएंगे।
क्रेच में किसी बच्चे को अकेला नहीं रहने दिया जाएगा। क्रेच में बच्चे को सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन और शाम को स्नैक्स भी दिया जाएगा तथा इसका खर्च सरकार वहन करेगी। सफाई-स्वच्छता हेतु हर माह एक हजार रुपए दिये जाएंगे। क्रेच में बच्चों के सोने और फीडिंग रूम की भी व्यवस्था होगी। क्रेच नीति में कामकाजी महिलाओं के कार्यालय से अधिकतम दूरी 500 मीटर निर्धारित की गई है। क्रेच के लिए जिस परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है उन्हें प्रत्येक बच्चे के लिए 50 रुपये, एक लाख से 1.80 लाख पर 100 रुपये, 1.80 लाख से तीन लाख रूपये 250 रुपये, तीन से पांच लाख वार्षिक आय पर 350 रुपये तथा पांच लाख से अधिक की आय पर 500 रुपये हर माह देने होंगे।