Edited By Saurabh Pal, Updated: 05 Aug, 2024 08:16 PM
हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री का चुनाव की पूर्व संध्या पर यह घोषणा करना कि हरियाणा के किसानों की सभी फसलें एमएसपी पर खरीदी जाएंगी, यह एक चुनावी जुमला है। प्रदेश सरकार को ना तो कानून बनाने का अधिकार है...
चंडीगढ़(चंद्र शेखर धऱणी): हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री का चुनाव की पूर्व संध्या पर यह घोषणा करना कि हरियाणा के किसानों की सभी फसलें एमएसपी पर खरीदी जाएंगी, यह एक चुनावी जुमला है। प्रदेश सरकार को ना तो कानून बनाने का अधिकार है ना ही एमएसपी का मूल्य घोषित करने का अधिकार है। प्रदेश सरकार केवल किसी भी फसल पर बोनस दे सकती है और मौजूदा समय में चुनाव से पहले ना ही कोई किसान की उपज मंडी में आने वाली है। मुख्यमंत्री केवल जुमलेबाजी करके किसानों का ध्यान भटकाकर उनका वोट लेना चाहते हैं। यह कहना है हरियाणा प्रदेश के प्रगतिशील किसान व किसान नेता सतपाल कौशिक का।
कौशिक ने कहा कि देश में 750 किसान लाभकारी मूल्य प्राप्त करने के लिए शहीद हो गए। देश में प्रतिवर्ष कई हजार किसान व खेतीहर मजदूर आत्महत्या कर रहे हैं। मौजूदा सरकार ने पिछले 10 वर्षों में किसान के लिए कोई भी लाभकारी मूल्य दिलवाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। कौशिक ने कहा कि मौजूदा सरकार ने सत्ता में आने से पहले किसानों की आमदनी दुगनी करने की बात की थी। लेकिन आमदनी तो दुगनी नहीं हुई खेती पर आने वाला खर्च दुगना हो गया। जीएसटी लगने के बाद देश में किसानो पर 3 लाख करोड़ से अधिक का अतिरिक्त भार पड़ा है।
इसके साथ ही किसान नेता ने कहा कि प्रदेश का मुख्यमंत्री लोकसभा के चुनाव के बाद हार से इतना घबराया हुआ है कि 24 घंटे झूठी घोषणा करने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा की पिछले 10 वर्षों में किसान को किसी भी फसल का लाभकारी मूल्य नहीं मिला, क्योंकि जब से खेती पर जीएसटी लगा है तब से कृषि लागत 20% से ज्यादा बढ़ी है। कौशिक ने कहा कि मौजूदा सरकार हरियाणा के किसानों के जख्मों पर नमक ना छिड़के, सरकार ये भूल गई की जो 1509 किस्म की धान जो मंडी में आ रही है। उसका भाव घटकर 2200 रुपए प्रति क्विंटल रह गया है, जो पहले ₹4000 तक था। यह सब सरकार की निर्यात नीति के कारण हुआ है।
उन्होंने कहा कि यदि हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री किसान व किसान हितैषी होने का दावा करते हैं तो आज देश में पार्लियामेंट चला हुआ है देश में किसानों के लिए कानून बनाएं की सरकार द्वारा घोषित भाव से यदि कोई कम भाव पर किसान से खरीदेगा, उसको कानून का सामना करना पड़ेगा। कौशिक ने कहा की प्रदेश के मुख्यमंत्री की यह घोषणा एक पोस्ट डेटेड चेक की तरह है। क्योंकि अक्टूबर के बाद ही किसान की कुछ फसल मंडी में आएगी और तब तक प्रदेश में जनता द्वारा चुनी हुई नई सरकार ।इसलिए मुख्यमंत्री की घोषणा झूठी व गुमराह करने वाली है।
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