हरियाणा: कांग्रेस के भी 8 प्रत्याशी मैदान में, अब जमेगा चुनावी रंग, पढ़िए किसके सामने कौन

Edited By Manisha rana, Updated: 26 Apr, 2024 11:59 AM

haryana 8 candidates of congress are the fray

हरियाणा में बीजेपी ने सबसे पहले लोकसभा चुनावों के लिए 10 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी, लेकिन कांग्रेस की लिस्ट कई बैठकों के बाद भी अटकी हुई थी जिस पर भाजपा नेता बार-बार कांग्रेस पर चुटकी ले रहे थे। वहीं कल देर रात कांग्रेस ने अपने 8...

हरियाणा डेस्क : हरियाणा में बीजेपी ने सबसे पहले लोकसभा चुनावों के लिए 10 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी, लेकिन कांग्रेस की लिस्ट कई बैठकों के बाद भी अटकी हुई थी जिस पर भाजपा नेता बार-बार कांग्रेस पर चुटकी ले रहे थे। वहीं कल देर रात कांग्रेस ने अपने 8 उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगा दी और कई ऐसे नामों की घोषणा की जिसने सबको चौंका दिया। जिनमें अंबाला से मुलाना के विधायक वरुण चौधरी, सिरसा से पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा, हिसार से पूर्व सांसद जयप्रकाश, करनाल से यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा, रोहतक से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी, भिवानी-महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह और फरीदाबाद से पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह को टिकट दी गई है।

करनाल 

भाजपा की जब उम्मीदवारों की लिस्ट आई तो करनाल से पूर्व सीएम मनोहर लाल का नाम सामने आया था, जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस खटटर के खिलाफ किसी बड़े नाम की घोषणा कर सकती है। अब कांग्रेस ने खट्टर के सामने युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा को उतारा है। दिव्यांशु बुद्धिराजा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बनने से पहले एनएसयूआई हरियाणा के अध्यक्ष रह चुके हैं। मूल रूप से गोहाना के रहने वाले है। बुद्धिराजा को करनाल लोकसभा की टिकट मिलने का आधार दीपेंद्र हुड्डा, राहुल गांधी के नजदीकी होना माना जा रहा है। दिव्यांशु बुद्धिराजा युवा पंजाबी चेहरा है। 


भिवानी-महेंद्रगढ़

भिवानी- महेंद्रगढ़ से भाजपा ने धर्मवीर चौधरी को टिकट दी है, जो 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे और इसी सीट से दो बार 2014-2019 में सांसद बने है। चार बार महेंद्रगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे हैं। अब कांग्रेस ने उनके खिलाफ राव दान सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। राव दान सिंह 64 साल के हैं उन्होंने एमए, एलएलबी, एमबीए, कानून और व्यक्तिगत प्रबंधन में डिप्लोमा किया हुआ है। राव दान सिंह प्रदेश व केंद्रीय नेतृत्व के करीबी हैं। 

अंबाला 

कांग्रेस ने अंबाला से वरूण चौधरी को टिकट दिया है। उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई की है। वह मुलाना एससी सीट से कांग्रेस के मौजूदा विधायक हैं। वरूण चौधरी प्रदेश सरकार में मंत्री रहे और कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष फूल चंद मुलाना के बेटे हैं। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में चौधरी ने मुलाना से एक उम्मीदवार के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया और भारतीय जनता पार्टी के राजबीर सिंह को 1,688 मतों के अंतर से हराया। वरूण भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे से माने जाते हैं। वहीं वरूण के सामने भाजपा की एक मात्र उम्मीदवार बंतो कटारिया है। बंतो कटारिया पूर्व सांसद स्वर्गीय रतन लाल कटारिया की पत्नी है। उनके निधन के बाद से बंतो कटारिया ही उनकी राजनीतिक विरासत को संभाले हुए है,  तो वहीं दूसरी तरफ बंतो पर विश्वास जताने का सबसे बड़ा कारण ये है कि इनके परिवार की अंबाला लोकसभा पर पुरानी पकड़ है। उनके पति रतन लाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहने के साथ-साथ यहां से 3 बार भी सांसद रहे हैं। 

रोहतक

रोहतक से एक बार फिर कांग्रेस से दीपेंद्र हुड्डा और भाजपा से अरविंद शर्मा आमने-सामने है। दीपेंद्र हुड्डा ने 2005 में 27 साल की उम्र में पहला चुनाव लड़ा और रोहतक से सांसद बने थे। साथ ही 2009 और 2014 में जीतकर हैट्रिक लगाई, लेकिन 2019 में भाजपा के अरविंद शर्मा से 7 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए।  2020 में दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा के सदस्य बने। कांग्रेस के टिकट पर वे अब पांचवीं बार रोहतक से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे है। रोहतक सीट हॉट सीट मानी जाती है। साथ ही हुड्डा का गढ़ भी कहा जाता है। 
 
सोनीपत

सोनीपत से कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी को बनाया है। कांग्रेस ने सतपाल को टिकट देकर नए चेहरे पर दांव खेला। सतपाल मूलरूप से जींद के गांगोली के रहने वाले हैं। यह क्षेत्र सफीदों विधानसभा में आने के साथ सोनीपत लोकसभा में भी आता है। सतपाल को भूपेंद्र सिंह हुड्डा का साथ मिलने से जाट वोटों का ध्रुवीकरण भी उनके पक्ष में हो सकता है। वहीं सतपाल ब्रह्मचारी के सामने भाजपा से मोहन लाल बड़ौली और इनेलो से अनूप सिंह बड़ी चुनौती है। भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद रमेश कौशिक का टिकट काटकर मोहन लाल बड़ौली को दिया है। मोहन लाल 1989 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए और बाद में भाजपा में शामिल हो गए। इनेलो राज के दौरान मुरथल से जिला परिषद का चुनाव जीतने वाले बड़ौली पहले भाजपा उम्मीदवार थे। मोहन लाल बड़ोली साल 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सदस्य के रूप में राई से हरियाणा विधानसभा के लिए चुने गए थे। 


सिरसा

सिरसा से कांग्रेस ने कुमारी शैलजा को टिकट दी, हालांकि कुमारी शैलजा कई बार विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुकी थी। कुमारी सैलजा 1990 में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनी। 4 बार लोकसभा की सदस्य रहने के अलावा एक बार राज्यसभा सदस्य और 3 बार केंद्र में मंत्री रह चुकी है। 1991 में नरसिंह राव की सरकार में शिक्षा एंव संस्कृति मामलों की राज्यमंत्री भी बनी थी। शैलजा के सामने भाजपा से भाजपा उम्मीदवार अशोक तंवर है। इनेलो से संदीप लोट है और जेजेपी से रमेश खटक है। 


फरीदाबाद

कांग्रेस ने फरीदाबाद से महेंद्र प्रताप पर दाव खेला है। महेंद्रप्रताप ने सरपंच से राजनीति की शुरुआत की थी। 1977 से 2014 तक के सभी नौ विधानसभा चुनाव लड़ें, जिसमें उन्होंने पांच बार जीत हासिल की, तो वहीं 2005 में विधानसभा चुनाव में महेंद्र प्रताप सिंह के नाम हरियाणा में सबसे ज्यादा वोट मिलने का रिकॉर्ड दर्ज है। महेंद्र प्रताप के सामने भाजपा उम्मीदवार कृष्णपाल गुर्जर, इनेलो से सुनील तेवतिया और जेजेपी से नलिन हुड्डा चुनावी मैदान में है। 


हिसार

हिसार से कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश को अपना उम्मीदवार बनाया। जेपी जाट चेहरा है और हुड्डा का करीबी है। जेपी हिसार से 7 बार चुनाव लड़ चुके हैं और तीन बार सांसद बन चुके। इसके साथ ही वह साल 2000 में कांग्रेस के टिकट पर बरवाला विधानसभा से विधायक रह चुके हैं और केंद्र सरकार में पैट्रोलियम राज्य मंत्री भी रहे हैं। इनकी राजनीति कैरियर की शुरूआत छात्र राजनीति से हुई थी। वहीं जेपी को टक्कर देने के लिए चौटाला परिवार से मैदान में उतरे तीन उम्मीदवार है, जिसमें भाजपा की तरफ से रणजीत चौटाला, इनेलो की तरफ से सुनैना चौटाला और जेजेपी की तरफ से नैना चौटाला आमने-सामने है। 

फिलहाल कांग्रेस ने गुरुग्राम से उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। यहां से कैप्टन अजय यादव दावेदार हैं लेकिन कांग्रेस राज बब्बर को टिकट देना चाहती है। इसके अलावा कुरुक्षेत्र की सीट I.N.D.I.A. ब्लॉक के तहत कांग्रेस ने AAP को दी है, जहां से सुशील गुप्ता उम्मीदवार हैं। कुल मिलाकर अब सभी पार्टियों के धुरधुंरों में मुकाबला दिलचस्प होने वाला है, लेकिन जीत का ताज किसके सिर सजेगा। ये तो जनता 4 जून को ही तय कर पाएगी। 

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