रेड व यलो जोन के गांव में फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्रों पर दिया जाएगा अनुदान, 25 तक करें आवेदन

Edited By vinod kumar, Updated: 18 Sep, 2021 02:02 PM

grant will be given on crop residue management machines

उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा द्वारा फसल अवशेषों के प्रबन्धन के लिए व्यक्तिगत कृषि यन्त्रों व कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना पर 50 से 80 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसान धान...

यमुनानगर: उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा द्वारा फसल अवशेषों के प्रबन्धन के लिए व्यक्तिगत कृषि यन्त्रों व कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना पर 50 से 80 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसान धान के अवशेषों में आग न लगाएं अपितु वह इन फसल अवशेष प्रबन्धन कृषि यन्त्रों का प्रयोग करके अपने धान के अवशेषों को या तो मिट्टी में मिलाए या स्ट्रा बेलर के द्वारा इसकी गांठें बनाकर इसे खेत से बाहर अन्य प्रयोग में लाए। 

वहीं जिले के उप कृषि निदेशक जसविन्दर सिंह ने बताया कि कृषि यन्त्र पर अनुदान उपलब्ध करवाने हेतू लाभार्थियों का चयन 13 सितम्बर को कर दिया गया था। चयनित किसानों की सूचि उप कृषि निदेशक के कार्यालय में लगा दी गई है व ऐसे सभी किसानों को व्यक्तिगत तौर पर भी सूचित कर दिया गया है। चयनित किसान सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करवाकर सहायक कृषि अभियन्ता के कार्यालय से अनुदान पात्रता प्रमाण-पत्र प्राप्त करके अपने कृषि यन्त्रों के खरीद के बिल 25 सितम्बर 2021 तक विभाग के पोर्टल पर अपलोड करें। 

सहायक कृषि अभियन्ता विनित कुमार जैन ने योजना के बारे में बताया कि किसान सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा का प्रमाण पत्र, जमीन का विवरण, बुंकिग राशि का प्रमाण, पैन कार्ड, आधार कार्ड, ट्रैक्टर की आरसी, बैंक खाते की पासबुक की प्रति, अनुसूचित जाति से सम्बन्धित किसानों के लिये जाति प्रमाण पत्र व कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना हेतू आवेदन के लिये पंजीकरण की प्रति 20 सितम्बर तक उनके कार्यालय में जमा करवाकर से अनुदान पात्रता प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकते हैं। 

इसके उपरान्त किसान कृषि यन्त्र की खरीद विभाग द्वारा अनुमोदित कृषि यन्त्र निर्माताओं/उनके अधिकृत डीलर से करके कृषि यन्त्र का बिल, ई-वे बिल, स्वयं घोषणा-पत्र व कृषि यंत्र के साथ लोकेशन सहित फोटो विभागीय पोर्टल पर अपलोड करें व उसके उपरान्त उनकी मूल प्रतियां सहायक कृषि अभियन्ता, यमुनानगर के कार्यालय में जमा करवाएं। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि जिले को फसल अवशेषों में लगने वाली घटनाओं की संख्या के आधार पर रेड, यलो व ग्रीन जोन में बांटा गया है। पूर्व में रेड व येलो जोन के सभी गांवों से प्राप्त आवेदनों को स्वीकार कर लिया गया था व ऐसे सभी गांवों के किसानों से दोबारा ऑनलाइन आवेदन आमन्त्रित करने का निर्णय लिया गया है। जिससे इन सभी गांवों में पूर्ण रूप से फसल अवशेष प्रबन्धन कृषि यन्त्र उपलब्ध करवाकर इन क्षेत्रों में आग लगने की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। इसके लिए इन गांवों के किसान 25 सितम्बर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

 

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