Edited By Manisha rana, Updated: 25 Feb, 2024 03:48 PM
साल 2022 में हुए घोस्ट प्लांट स्कैम की अब दोबारा जांच होगी. इस जांच में टीम की ओर से जांच की जाएगी, जिसे DIG लीड करेंगे. इस बात की जानकारी पुलिस महानिदेशक और एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ शत्रुजीत कपूर ने विधानसभा की कमेटी के सामने दी.
हरियाणा डेस्क: साल 2022 में हुए घोस्ट प्लांट स्कैम की अब दोबारा जांच होगी. इस जांच में टीम की ओर से जांच की जाएगी, जिसे DIG लीड करेंगे. इस बात की जानकारी पुलिस महानिदेशक और एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ शत्रुजीत कपूर ने विधानसभा की कमेटी के सामने दी. इसके बाद अब इस मामले में फंसे IFS जितेंद्र अहलावत की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
बता दें कि दो साल पहले वर्ष 2022 में इस घोटाले का खुलासा हुआ था. जिसके बाद वन मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने घोटाले की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया था. पैनल में तीन वन अधिकारियों को शामिल किया गया था. पैनल ने अपनी रिपोर्ट में हेराफेरी की पुष्टि की थी. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एक DSP द्वारा मामले में एक IFS अधिकारी को क्लीन चिट दिए जाने के बाद सरकारी आश्वासनों पर विधानसभा की समिति ने मामला उठाया.
जानकारी के मुताबिक हरियाणा विधानसभा में इस स्कैम को 22 मार्च 2022 को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान उठाया गया था. जहां सरकार ने जांच रिपोर्ट पेश की और विजिलेंस जांच का आश्वासन दिया था. एंटी करप्शन ब्यूरो के DSP देविंदर सिंह द्वारा आरोपी IFS अधिकारी जितेंद्र अहलावत को क्लीन चिट दिए जाने के बाद एश्योरेंस कमेटी ने मामला अपने हाथ में ले लिया है.
वहीं, सुनवाई के दौरान DGP शत्रुजीत कपूर और DIG पंकज नैन समिति के सामने पेश हुए. नैन के नेतृत्व में एक SIT बनाने का निर्णय लिया गया.
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